November 15, 2025
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लाडो प्रोत्साहन योजना 2025: अब बालिका को मिलेंगे 1.50 लाख रुपये

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राजस्थान सरकार ने राज्य में बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहन देने और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 1 लाख से 1.50 लाख रूपये कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा द्वारा 12 मार्च 2025 को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान यह महत्वपूर्ण घोषणा की गई थी। अब इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र बालिका को 1.50 लाख रुपए की सहायता सात किश्तों में प्रदान की जाएगी।

बालिका जन्म को मिलेगा सम्मान

भारत में सामाजिक सोच में बदलाव लाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने 1 अगस्त 2024 को राज्यभर में लाडो प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य न केवल बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करना है, बल्कि उनके जीवन के हर चरण में सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर और शिक्षित बनाना भी है। यह योजना बालिकाओं के प्रति समाज की सोच को सकारात्मक दिशा देने में सहायक साबित हो रही है।

1.50 लाख रुपये की सहायता – एक बड़ी राहत

अब राज्य सरकार की ओर से बालिका के जन्म पर 1.50 लाख रुपये का संकल्प पत्र प्रदान किया जाएगा। पहले इस योजना के तहत कुल राशि 1 लाख रुपये थी, जिसे अब 50 हजार रुपये और बढ़ाकर कुल 1.50 लाख रुपये कर दिया गया है। यह राशि सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान की जाएगी।

किश्तों में मिलेगा लाभ

योजना के अंतर्गत सात चरणों में राशि का वितरण किया जाएगा। इस प्रक्रिया को इस प्रकार समझा जा सकता है:

  1. पहली किश्त – ₹2500
    पात्र चिकित्सा संस्थान में संस्थागत प्रसव होने पर बालिका के जन्म के साथ ही यह राशि माता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
  2. दूसरी किश्त – ₹2500
    बालिका की एक वर्ष की आयु पूर्ण होने और समस्त टीकाकरण पूरा होने पर यह किश्त दी जाएगी।
  3. तीसरी किश्त – ₹4000
    जब बालिका प्रथम कक्षा में प्रवेश करती है (राजकीय या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में)।
  4. चौथी किश्त – ₹5000
    बालिका के छठी कक्षा में प्रवेश के समय।
  5. पांचवीं किश्त – ₹11,000
    दसवीं कक्षा में प्रवेश के साथ यह राशि प्रदान की जाएगी।
  6. छठी किश्त – ₹25,000
    बारहवीं कक्षा में प्रवेश करते ही यह महत्वपूर्ण किश्त दी जाएगी।
  7. सातवीं और अंतिम किश्त – ₹1,00,000
    जब बालिका स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर लेती है और उसकी आयु 21 वर्ष पूर्ण हो जाती है, तो यह राशि बालिका के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।

पहले से बेहतर – सातवीं किश्त में बढ़ोतरी

इस योजना की अंतिम किश्त पूर्व में 50,000 रुपए की थी जिसे अब मुख्यमंत्री के निर्णय अनुसार 1 लाख रूपये कर दिया गया है। यह बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करेगा और माता-पिता को उनके भविष्य को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी।

योजना की पात्रता और प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित योग्यता शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • बालिका का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान या जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में हुआ हो।
  • माता राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान ANC जांच, मूल निवास प्रमाण-पत्र, विवाह पंजीयन प्रमाण, और बैंक खाता विवरण प्राप्त किए जाएंगे।
  • बालिका को जन्म के समय यूनिक ID या PCTS ID दी जाएगी जिससे उसका पूरा रिकॉर्ड पीसीटीएस पोर्टल पर ट्रैक किया जाएगा।
  • प्रत्येक किश्त के लिए आवश्यक दस्तावेज संबंधित विभाग द्वारा पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।

योजना की निगरानी एवं क्रियान्वयन व्यवस्था

लाडो प्रोत्साहन योजना का प्रशासनिक विभाग – निदेशालय महिला अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास विभाग होगा। योजना की प्रत्येक तीन माह में समीक्षा संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी। योजना का पर्यवेक्षण ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना की जिला टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा।

योजना के संभावित लाभ

  • शिशु लिंगानुपात में सुधार
  • संस्थागत प्रसव को बढ़ावा
  • बाल विवाह में कमी
  • विद्यालयी शिक्षा में ठहराव
  • बालिका मृत्यु दर में कमी
  • सामाजिक सोच में सकारात्मक बदलाव

यदि किश्त छूट जाए तो?

यदि किसी कारणवश किसी चरण की किश्त प्राप्त नहीं हो पाती है, तो तर्कसंगत कारण दर्ज करने पर आगामी किश्तों का लाभ बालिका को मिल सकेगा। यह प्रावधान योजना को और अधिक लचीला तथा सहायक बनाता है।

लाडो प्रोत्साहन योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि यह बालिकाओं के सम्मान, शिक्षा, और भविष्य निर्माण के लिए एक सशक्त मंच भी है। यह योजना राजस्थान सरकार के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों को नई दिशा देने का कार्य कर रही है। इससे समाज में सकारात्मक सोच का विकास होगा और बालिकाएं अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ेंगी।

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