
भारत और रूस की दोस्ती एक बार फिर मजबूती की ओर बढ़ रही है। एक समय था जब भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1 का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की योजना बना रहा था, लेकिन यह योजना अधर में लटक गई, क्योंकि अमेरिका ने अपने इंजन देने में अड़ंगा डाल दिया। इससे भारत को बड़ा झटका लगा और अब भारत ने भरोसेमंद दोस्त रूस की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस भारत को फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट के लिए एक उन्नत इंजन देने के लिए तैयार है, जिससे भारत की एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना को गति मिलेगी।
अमेरिका ने किया विश्वासघात, भारत ने बदली रणनीति
भारत और अमेरिका के बीच तेजस एमके1 के लिए इंजन आपूर्ति को लेकर पहले ही सौदा हो चुका था। लेकिन, अमेरिका ने हमेशा की तरह अपनी चालबाजी दिखाई और वादे के बावजूद इंजन देने में टालमटोल करने लगा। यह कोई पहली बार नहीं है जब पश्चिमी देश अपने फायदे के लिए भारत को धोखा दे रहे हैं। अमेरिका की इस धोखाधड़ी ने भारत को एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वह वास्तव में एक भरोसेमंद साझेदार है? इसी कारण भारत ने अब रूस के साथ अपने पुराने संबंधों को फिर से मजबूत करने का फैसला किया है।
रूस का बड़ा ऑफर – 177S इंजन के साथ आत्मनिर्भरता की ओर भारत
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की रोस्टेक डिफेंस कंपनी ने भारत के सामने अपना 177S इंजन प्रस्तावित किया है। यह इंजन खासतौर पर फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट्स के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें रूस की अत्याधुनिक तकनीक शामिल है।
177S इंजन की प्रमुख विशेषताएँ:
- हाइब्रिड टेक्नोलॉजी – यह इंजन AL-41F1 और AL-51 इंजन का उन्नत संस्करण है।
- जबरदस्त थ्रस्ट पावर – 14,500 किलोग्राम (142 kN) अधिकतम थ्रस्ट क्षमता।
- बेहतर ईंधन दक्षता – पारंपरिक इंजनों की तुलना में 7% कम ईंधन खपत, जिससे विमान की रेंज बढ़ेगी।
- लंबी सर्विस लाइफ – 6,000 घंटे तक की सर्विस लाइफ, जो पुराने AL-31FP इंजन से बेहतर है।
- 2D फ्लैट नोजल डिजाइन – भारत इस तकनीक को अपनाकर अपने लड़ाकू विमानों की गतिशीलता को और बढ़ा सकता है।
भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा यह समझौता
भारत की AMCA परियोजना के लिए यह इंजन गेम चेंजर साबित हो सकता है। AMCA एक स्टील्थ, मल्टी-रोल फाइटर जेट होगा, जिसे भारत की ज़रूरतों के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है। रूस पहले से ही Su-57 फाइटर जेट का संचालन कर रहा है, जिसमें 177S इंजन जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
रूस का सहयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
- समय पर डिलीवरी – रूस समय पर इंजन उपलब्ध करा सकता है, जबकि पश्चिमी देश कई शर्तें लगाते हैं।
- स्वदेशी उत्पादन में सहयोग – रूस भारत को इंजन निर्माण की तकनीक भी दे सकता है, जिससे भविष्य में भारत आत्मनिर्भर बन सके।
- पश्चिमी देशों पर दबाव – रूस के इस ऑफर से अमेरिका, फ्रांस और यूके जैसे देशों पर दबाव बढ़ेगा कि वे भारत के साथ अपनी शर्तों में बदलाव करें।
क्या भारत अमेरिका को सबक सिखाएगा?
भारत अब पहले की तरह पश्चिमी देशों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करेगा। रूस से यह समझौता भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा और भविष्य में अमेरिका जैसी ताकतों पर उसकी निर्भरता को कम करेगा। इससे भारत को न केवल फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट्स के विकास में मदद मिलेगी, बल्कि डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।
क्या यह भारत और रूस की दोस्ती का नया अध्याय है? क्या अमेरिका को भारत की बढ़ती ताकत का अहसास होगा? कमेंट में अपनी राय ज़रूर दें!