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13 Mar 2025, Thu

बीजिंग (VBT News)। चीन में जन्मदर में गिरावट एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियां अब कठोर फैसले ले रही हैं। हाल ही में चीन की एक केमिकल कंपनी शंगडोंग शंटियन ग्रुप ने अपने कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया है कि अगर वे नौ महीने के भीतर बच्चे पैदा नहीं करते, तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। यह पहली बार नहीं है जब चीन में कंपनियां इस तरह के सख्त फैसले ले रही हैं। कुछ हफ्ते पहले एक सुपरमार्केट चेन ने भी अपने कर्मचारियों को शादी करने और परिवार बढ़ाने के लिए प्रेरित करने की नीति अपनाई थी।

घटती जन्मदर से चीन को खतरा

चीन सरकार लंबे समय से युवाओं को शादी और परिवार बसाने के लिए प्रेरित कर रही है, लेकिन उनकी महंगी जीवनशैली और व्यक्तिगत आजादी की चाह ने शादी और बच्चों की संख्या को तेजी से घटा दिया है। दशकों तक लागू “एक बच्चा नीति” ने समाज में ऐसा बदलाव ला दिया कि अब जब सरकार ज्यादा बच्चों को बढ़ावा दे रही है, तब भी लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं।

2021 में चीन ने इस नीति को समाप्त कर तीन बच्चों की अनुमति दे दी थी, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं हुआ। 2023 में चीन में केवल 61 लाख शादियां हुईं, जो 1986 के बाद सबसे कम आंकड़ा है। अब सरकार शादी की न्यूनतम उम्र घटाने पर विचार कर रही है। मौजूदा नियमों के तहत लड़कों के लिए न्यूनतम उम्र 22 साल और लड़कियों के लिए 21 साल है, जिसे घटाकर 18 साल करने का प्रस्ताव दिया गया है।

कंपनियों और सरकार के अनोखे प्रयास

चीन में कंपनियां और सरकार दोनों ही जन्मदर बढ़ाने के लिए अनोखे तरीके अपना रही हैं। सरकारी कर्मचारी महिलाओं को गर्भधारण के लिए प्रेरित कर रहे हैं और प्रचार अभियान चला रहे हैं कि “प्रेग्नेंसी से महिलाएं अधिक आकर्षक दिखती हैं।” इसके अलावा, कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए आर्थिक सहायता भी दे रही हैं।

अर्थव्यवस्था पर बुरा असर

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो आने वाले वर्षों में चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कम जन्मदर के कारण कामकाजी लोगों की संख्या घटेगी, जिससे उत्पादन क्षमता प्रभावित होगी। बढ़ती उम्र की आबादी और घटती युवा पीढ़ी चीन के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।

चीन की बदलती जीवनशैली

युवाओं की बदलती सोच, महंगे रहन-सहन और करियर की प्राथमिकता के चलते लोग शादी और बच्चों से दूर होते जा रहे हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि सरकार और कंपनियां अनोखे और कठोर कदम उठा रही हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चीन की यह नई नीतियां जन्मदर में बढ़ोतरी ला पाएंगी या नहीं।

नितिन सिंह/VBT News

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