November 15, 2025
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थांवला कस्बे में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को दी श्रद्धांजलि

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नागौर जिले के थांवला में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रविवार को थांवला कस्बे के शिव मंदिर परिसर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस भावुक अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और मृतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। सभी उपस्थित जनों ने पुष्प अर्पित कर वीरगति को प्राप्त नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को नमन किया।

सभा के दौरान समस्त ग्रामीणों ने दो मिनट का मौन धारण कर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। माहौल गमगीन था, चारों ओर राष्ट्रभक्ति की भावना व्याप्त थी। वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कायरतापूर्ण घटनाएं हमारे देशवासियों की एकता और हौंसले को नहीं डिगा सकतीं।

श्रद्धांजलि सभा के पश्चात ग्रामीणों ने एक सामूहिक बैठक आयोजित कर आगामी कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मारे गए मृतकों के सम्मान में एक मई को सम्पूर्ण थांवला कस्बे को बंद रखा जाएगा। इस बंद के दौरान सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, शिक्षण संस्थान तथा अन्य गतिविधियाँ पूर्णतः स्थगित रहेंगी। ग्रामीणों ने अपील की कि समस्त नागरिक बंद का समर्थन कर राष्ट्रभक्ति और एकजुटता का परिचय दें।

साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रशासन को ज्ञापन सौंपेगा। इस ज्ञापन के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार से आतंकवाद के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने तथा मृतकों के परिवारों को उचित सहायता प्रदान करने की मांग की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ देशभर में एक सशक्त और निर्णायक नीति अपनाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

सभा में विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संघों और स्थानीय गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्र की अखंडता, संप्रभुता और सम्मान की रक्षा करना प्रत्येक भारतीय का परम कर्तव्य है। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि हम सभी को जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रीयता से ऊपर उठकर एकजुट रहना चाहिए, ताकि आतंकवाद जैसी चुनौतियों का दृढ़तापूर्वक सामना किया जा सके।

 


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