हरसौर (जुगल दायमा) / हरसौर कस्बे के सुनारों के मोहल्ले सहित अन्य इलाकों में पेयजल समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। जलदाय विभाग की लापरवाही के खिलाफ आक्रोशित ग्रामीणों ने पंप हाउस का घेराव किया और खाली मटकियां फोड़कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने पंप हाउस के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया और पेयजल समस्या का शीघ्र समाधान करने की मांग उठाई।
चार वर्षों से जारी पेयजल संकट
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले चार वर्षों से पानी की गंभीर किल्लत बनी हुई है। जलदाय विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। समाजसेवी राजीवपुरी गोस्वामी और शेषकरण सोनी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग सुबह 8 बजे ही नहरी परियोजना के पंप हाउस पर पहुंच गए और जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनके क्षेत्र में पीने के पानी का कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जलदाय विभाग के कर्मचारी सिर्फ रस्म अदायगी कर रहे हैं और समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि परियोजना से अभी तक नियमित पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हुई है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष के हस्तक्षेप से शांत हुआ मामला
पंप हाउस पर विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही भाजपा मंडल अध्यक्ष अमित आसोपा मौके पर पहुंचे। उन्होंने नागौर जिला अध्यक्ष रामधन पोटलिया को स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद जिलाध्यक्ष के निर्देश पर जायल नहरी परियोजना के सहायक अभियंता चंद्रवीर सिंह और एईएन जितेंद्र पंचौली मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश दी और समस्या के समाधान का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने विरोध समाप्त किया।
राइजिंग लाइन से पानी चोरी का मुद्दा भी उठा
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने पानी चोरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग अवैध कनेक्शन जोड़कर पेयजल को खेती और वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग कर रहे हैं। इससे आम जनता को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अवैध कनेक्शनों पर तत्काल कार्रवाई करने और पानी की चोरी पर अंकुश लगाने की मांग की।
उपखंड मुख्यालय पर परियोजना कार्यालय नहीं होने से बढ़ी परेशानी
ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की कि डेगाना उपखंड मुख्यालय पर नहरी परियोजना का कोई कार्यालय नहीं है और न ही कोई अधिकारी नियमित रूप से वहां बैठते हैं। परियोजना का मुख्य कार्यालय जायल में स्थित है, जहां पहुंचने में ग्रामीणों को घंटों लग जाते हैं। विधायक अजयसिंह किलक ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था और सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया था।
अधिकारियों का बयान
नहरी परियोजना के सहायक अभियंता चंद्रवीर सिंह ने कहा कि परियोजना खंड का क्षेत्राधिकार केवल पंप हाउस तक ही सीमित है, जबकि गांव के भीतर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था जल समिति की देखरेख में होती है। उन्होंने कहा कि लीकेज और वॉल्व से जुड़ी समस्याओं का समाधान परियोजना खंड द्वारा किया जाएगा और जल्द से जल्द उचित समाधान निकालने के प्रयास किए जाएंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।