पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक बड़े ट्रेन हाइजैक की घटना ने देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना को 28 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब भी 100 से अधिक यात्री बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) के कब्जे में हैं। पाकिस्तान सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्वेटा में 200 से अधिक ताबूत भेजे हैं, जिससे इस हमले में बड़ी संख्या में मौतों की आशंका बढ़ गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, लेकिन हालात नाजुक
पाकिस्तानी सेना और सुरक्षाबल हाइजैक किए गए यात्रियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बीएलए के उग्रवादियों द्वारा बंधकों के बीच आत्मघाती हमलावरों को बैठाने से ऑपरेशन मुश्किल हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलावरों ने सुसाइड जैकेट पहन रखी है, जिससे किसी भी तरह की बचाव कार्रवाई करने पर यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।
बीएलए के 27 उग्रवादी मारे गए, 155 यात्रियों को छुड़ाया गया
पाकिस्तानी सेना ने अब तक के रेस्क्यू ऑपरेशन में बलोच लिबरेशन आर्मी के 27 उग्रवादियों को मार गिराने का दावा किया है। वहीं, 155 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। हालांकि, अभी भी बड़ी संख्या में लोग आतंकियों के कब्जे में हैं और उनके जीवन को खतरा बना हुआ है। बीएलए ने अपने पिछले अपडेट में 30 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था, लेकिन इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
क्वेटा में ताबूत भेजे जाने से बढ़ी आशंका
पाकिस्तान रेलवे के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि 200 से ज्यादा ताबूत क्वेटा लाए गए हैं, जिन्हें बलूचिस्तान के बोलन क्षेत्र में भेजा जाएगा। सरकार का कहना है कि यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है, लेकिन इससे आशंका बढ़ गई है कि इस हमले में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई हो सकती है।
पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवादी हमले
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है, जहां लंबे समय से अलगाववादी गुट सक्रिय हैं। बीएलए जैसे संगठन पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और आए दिन सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में तेजी आई है, जिससे पाकिस्तान सरकार की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
बलूचिस्तान में हुआ यह ट्रेन हाइजैक पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गया है। सेना की कोशिशों के बावजूद अब भी 100 से अधिक यात्री बीएलए के कब्जे में हैं और उनके सुरक्षित बाहर निकलने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। सरकार द्वारा क्वेटा में 200 ताबूत भेजे जाने से स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तानी सेना इस संकट से कैसे निपटती है और बंधकों को सुरक्षित बचाने में कितनी सफल होती है।