November 15, 2025
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राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत भैरून्दा उपशाखा का भव्य वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न, नई कार्यकारिणी निर्विरोध निर्वाचित

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भैरून्दा(नागौर) (संपादक/नितिन सिंह की रिपोर्ट)। शिक्षा जगत के संगठनों में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत की भैरून्दा उपशाखा का वार्षिक अधिवेशन एवं चुनाव कार्यक्रम शनिवार को पारंपरिक गरिमा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ श्री वीर तेजाजी मंदिर परिसर, बस स्टैंड भैरून्दा में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। इस दौरान संगठन की पुरानी कार्यकारिणी का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात नवगठित कार्यकारिणी का चुनाव निर्विरोध रूप से सम्पन्न हुआ, जिसने संगठन की एकजुटता और पारदर्शिता को दर्शाया।

अध्यक्षता एवं स्वागत समारोह

कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्ष श्री धर्माराम तेतरवाल ने की, जिन्होंने अधिवेशन का शुभारंभ करते हुए बीते वर्ष की उपलब्धियों, संघ की गतिविधियों और संगठनात्मक मजबूती पर प्रकाश डाला। स्वागत भाषण में उन्होंने बताया कि संघ ने वर्ष 2024-25 में शिक्षा और शिक्षकों के हित में कई सार्थक प्रयास किए, जिनमें विभागीय संवाद, विद्यालयीन समस्याओं के समाधान और शिक्षक कल्याण योजनाओं को लेकर किये गए कार्य विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे।

आय-व्यय विवरण प्रस्तुत

संघ के कोषाध्यक्ष हंसराज डारा ने वर्ष 2024-25 का आय-व्यय विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने पारदर्शिता के साथ संगठन की आर्थिक स्थिति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ की सभी गतिविधियों में पारदर्शी वित्तीय प्रक्रिया का पालन किया गया है और सभी सदस्यों का योगदान इसमें अहम रहा है।

पुरानी कार्यकारिणी भंग, नई कार्यकारिणी गठन की घोषणा

कार्यक्रम के मुख्य सत्र में सभाध्यक्ष रामदेव सांई ने विधिवत रूप से पिछली कार्यकारिणी को भंग करने की घोषणा की और नई कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया को प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की। चुनाव प्रक्रिया की निगरानी का दायित्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष धन्नाराम टाडा को सौंपा गया, वहीं चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में सुरेश कुमार डुडी और राजेन्द्र गौड़ की उपस्थिति में संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण हुई।

निर्विरोध चुनी गई नई कार्यकारिणी

संघ की लोकतांत्रिक परंपरा के अनुरूप सभी पदों के लिए निर्विरोध चुनाव सम्पन्न हुए, जिसमें धर्माराम तेतरवाल को एक बार पुनः भारी समर्थन के साथ चौथी बार अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी नेतृत्व क्षमता और संघ के प्रति समर्पण भावना के कारण उन्हें लगातार विश्वास मिलना संगठन के लिए गौरव की बात रही।

नवगठित कार्यकारिणी में निम्नलिखित पदाधिकारियों को मनोनीत किया गया:

  • संरक्षक: घनश्याम सिंह चारण
  • उप संरक्षक: गजेन्द्र सिंह राठौड़
  • महामंत्री: भींयाराम गोदारा
  • वरिष्ठ उपाध्यक्ष: रामनिवास कड़वा
  • उपाध्यक्षगण: नेमाराम कासनियां, बलदेव राम माकड़, मदनराम लोरा
  • कोषाध्यक्ष: बलदेव माकड़
  • संगठन मंत्री: बाबूलाल मुवाल
  • प्रचार मंत्री: चेतन कुमावत
  • कार्यालय मंत्री: राधेश्याम कुमावत
  • संयोजक: मेवाराम गढ़वाल, नारायणराम मेहरा, भंवरलाल लामरोड़
  • महिला मंत्री: लक्ष्मी लोंगवानी

इसके अतिरिक्त संघ से जुड़े सहसचिव, संयुक्त सचिव, पंचायत सहायक एवं शिक्षक प्रतिनिधियों सहित अनेक पदों पर भी योग्य और सक्रिय सदस्यों की नियुक्ति की गई, जो आगामी सत्र में संगठन को नई दिशा प्रदान करेंगे।

विचार-विमर्श और प्रेरणादायक संबोधन

इस अवसर पर कांग्रेस शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष लालाराम कुलरिया ने भी विचार रखे। उन्होंने संगठन की एकजुटता की सराहना करते हुए शिक्षकों की सामाजिक भूमिका और शिक्षा सुधारों में संघ के योगदान को अहम बताया। उनके अनुसार, जब शिक्षकों की आवाज एक मंच से उठती है, तो उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।

जयपुर महापड़ाव की योजना

संरक्षक घनश्याम सिंह चारण ने आगामी 26 मई से जयपुर में प्रस्तावित महापड़ाव की जानकारी दी और उसकी रूपरेखा साझा की। उन्होंने बताया कि यह महापड़ाव शिक्षकों की मांगों और लंबित समस्याओं के समाधान हेतु आयोजित किया जाएगा। उन्होंने सभी सदस्यों से इस आंदोलन में भाग लेने की अपील करते हुए वाहन रैली और पदयात्रा की रणनीति प्रस्तुत की।

शपथग्रहण एवं समापन

चुनाव अधिकारी धन्नाराम टाडा द्वारा नवगठित कार्यकारिणी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। सभी नव-निर्वाचित पदाधिकारियों ने संगठन के हित में निष्ठा से कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।

कार्यक्रम के अंत में सभाध्यक्ष रामदेव सांई ने अधिवेशन की विधिवत समाप्ति की घोषणा की और सभी उपस्थित सदस्यों, शिक्षकों, अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत की भैरून्दा उपशाखा का यह अधिवेशन न केवल संगठनात्मक दृष्टिकोण से बल्कि शिक्षा क्षेत्र की भविष्य रूपरेखा के संदर्भ में भी अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। नवगठित कार्यकारिणी से शिक्षकों को बड़ी उम्मीदें हैं, और यह अधिवेशन यह संदेश देता है कि एकता, पारदर्शिता और समर्पण से ही शिक्षक संगठनों की शक्ति बढ़ती है।

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