
वॉशिंगटन (Vbt news): नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर, जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पिछले 9 महीनों से फंसे थे, अब 16 मार्च 2025 को धरती पर लौटने वाले हैं। उनकी वापसी का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था क्योंकि तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी कई बार टल चुकी थी।
इस बीच, नासा ने क्रू-10 मिशन को हरी झंडी दे दी है, जो 12 मार्च 2025 को लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में नासा, जापान और रूस के अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे। यह मिशन आईएसएस पर वैज्ञानिक प्रयोगों और रिसर्च के लिए भेजा जा रहा है।
स्टारलाइनर कैप्सूल की विफलता से बढ़ी मुश्किलें
विलियम्स और विलमोर को नासा के स्टारलाइनर कैप्सूल से 10 दिन के मिशन पर भेजा गया था, लेकिन लगातार आ रही तकनीकी खराबियों के कारण उनकी वापसी संभव नहीं हो सकी। आखिरकार, सितंबर 2024 में स्टारलाइनर बिना क्रू के ही धरती पर वापस लौट आया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि मिशन अधूरा रह गया।
नासा ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनकी वापसी के लिए स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन में दो सीटें आरक्षित रखी थीं। हालांकि, यह मिशन अगस्त 2024 में लॉन्च हुआ था और इन दोनों की वापसी फरवरी 2025 में होनी थी, लेकिन लगातार समस्याओं के चलते इसे मार्च तक टाल दिया गया।
क्रू-10 मिशन: अंतरिक्ष में नई उड़ान
क्रू-10 मिशन को नासा के सहयोग से स्पेसएक्स लॉन्च कर रहा है। इस मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री हैं:
- ऐनी मैकक्लेन (नासा)
- निकोल आयर्स (नासा)
- ताकुया ओनिशी (जापान)
- किरिल पेस्कोव (रूस)
पहले इस क्रू को एक नए क्रू ड्रैगन कैप्सूल में भेजा जाना था, लेकिन देरी के कारण इन्हें अब “एंड्यूरेंस” कैप्सूल में भेजा जाएगा, जो पहले भी कई सफल मिशन पूरा कर चुका है।
स्पेसएक्स और नासा की साझेदारी
नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन को चुना। इस मिशन में नासा के निक हेग और रोसकॉस्मोस के अलेक्ज़ेंडर गॉर्बुनोव शामिल थे।
स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरी स्थिति पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी भी की थी। हालांकि, नासा ने स्पष्ट किया कि उनकी योजना पहले से ही तैयार थी, और विलियम्स तथा विलमोर की वापसी की प्रक्रिया सुनियोजित ढंग से की जा रही थी।
16 मार्च: इंतजार खत्म!
अब 16 मार्च 2025 को, सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर अंतरिक्ष से लौटने वाले हैं। यह दिन न केवल नासा और स्पेसएक्स के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी एक नया अध्याय जोड़ेगा।
अंतरिक्ष में फंसे इन अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी से यह भी साबित होता है कि तकनीकी समस्याओं के बावजूद, अंतरिक्ष मिशनों को सुरक्षित तरीके से पूरा किया जा सकता है।
अब सभी की नजरें 12 मार्च को लॉन्च होने वाले क्रू-10 मिशन और 16 मार्च को होने वाली सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक वापसी पर टिकी हुई हैं।
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आगे क्या?
नासा और स्पेसएक्स की यह साझेदारी भविष्य में कई और नए मिशनों की ओर इशारा कर रही है। मंगल ग्रह और चंद्रमा पर मानव बसाहट के सपने को साकार करने के लिए नए मिशन और नई तकनीकों पर काम किया जा रहा है।
क्रू-10 मिशन के सफल होने पर नासा जल्द ही अपने अगले अंतरिक्ष अभियान की घोषणा कर सकता है। इस मिशन के वैज्ञानिक परीक्षणों से अंतरिक्ष में मानव अस्तित्व और स्थायित्व पर नई जानकारियां मिलेंगी।
अब देखना यह है कि स्पेसएक्स और नासा की अगली उड़ान अंतरिक्ष के कौन से रहस्य खोलती है!