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14 Mar 2025, Fri
राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से कस्बे थांवला में जन्मी भार्गवी सिंह चौधरी आज ताइक्वांडो की दुनिया में एक चमकता हुआ सितारा बन चुकी हैं। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने वो कर दिखाया, जो कई खिलाड़ियों के लिए सपना होता है। कराटे से ताइक्वांडो तक का सफर हो या ब्लैक बेल्ट से लेकर स्टेट चैंपियनशिप जीतने तक की मेहनत, भार्गवी ने हर चुनौती को स्वीकार किया और अपनी लगन से खुद को साबित किया।
संघर्ष से सफलता तक का सफर
भार्गवी ने सिर्फ 3 साल की उम्र में कराटे खेलना शुरू किया और 4.5 साल की उम्र में राजस्थान की सबसे कम उम्र की ब्लैक बेल्ट विजेता बनकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया। कराटे में ब्लैक बेल्ट हासिल करने के बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान ताइक्वांडो पर केंद्रित किया। उनकी इस उपलब्धि में उनके कोच सोहेल खान का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने उनके खेल कौशल को निखारा और उन्हें राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया।
स्टेट चैंपियन बनने का गौरव
भार्गवी ने 2023 में पहली बार ताइक्वांडो फेडरेशन द्वारा आयोजित स्टेट चैंपियनशिप (अलवर) में हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल जीतकर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद, 2024 में 68वीं स्कूल गेम्स स्टेट चैंपियनशिप में भी उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। इन दोनों बड़ी जीतों के बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई और हाल ही में स्कूल गेम्स नेशनल ताइक्वांडो टूर्नामेंट में भाग लिया, जिससे उनका आत्मविश्वास और अधिक मजबूत हुआ।
राष्ट्रीय स्तर पर दमदार प्रदर्शन
भार्गवी ने अक्टूबर 2024 में 68वीं राष्ट्रीय विद्यालय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भाग लिया, जो मध्य प्रदेश के विदिशा में आयोजित हुई थी। यहाँ उन्होंने देशभर के बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ मुकाबला किया। इस प्रतियोगिता में उन्हें 17 आयु वर्ग के खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना पड़ा, क्योंकि राजस्थान में अंडर-14 आयु वर्ग की श्रेणी मौजूद नहीं है। हालांकि, उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और यह अनुभव उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए प्रेरित कर गया।
26 गोल्ड मेडल और शानदार रिकॉर्ड
अब तक भार्गवी ने विभिन्न ओपन और सरकारी टूर्नामेंट्स में भाग लेते हुए कुल 26 स्वर्ण पदक जीतकर अपनी काबिलियत साबित की है। उनकी प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
✔ 2023 – ताइक्वांडो फेडरेशन स्टेट चैंपियनशिप (गोल्ड मेडल)
✔ 2024 – 68वीं स्कूल गेम्स स्टेट चैंपियनशिप (गोल्ड मेडल)
✔ नेशनल टूर्नामेंट में भाग लिया
अगला लक्ष्य: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना
भार्गवी का अगला लक्ष्य 2025 में होने वाली 69 वीं स्कूल गेम्स राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतना है। वे अपनी 8वीं बोर्ड परीक्षा के बाद गुरुग्राम की ताइक्वांडो एकेडमी में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी। उनका सपना है कि वे भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो टूर्नामेंट में पदक जीतें और देश का नाम रोशन करें।
“राजस्थान के अंडर-14 खिलाड़ियों के लिए चुनौती”
भार्गवी का मानना है कि राजस्थान में अंडर-14 आयु वर्ग की ताइक्वांडो प्रतियोगिताएं न होने के कारण, युवा खिलाड़ियों को अंडर-17 में खेलना पड़ता है, जिससे उन्हें अधिक उम्र के खिलाड़ियों के खिलाफ मुकाबला करना पड़ता है। उनका कहना है कि अगर राजस्थान में अंडर-14 श्रेणी शुरू कर दी जाए, तो युवा प्रतिभाओं को उचित मंच मिल सकेगा।
परिवार और कोच का समर्थन
भार्गवी की इस सफलता में उनके पिता दीपक सिंह चौधरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने हमेशा उनका मनोबल बढ़ाया और हर परिस्थिति में उनका साथ दिया। उनके कोच सोहेल खान ने उन्हें बेहतरीन प्रशिक्षण देकर उच्च स्तर तक पहुंचाया। भार्गवी वर्तमान में थांवला कस्बे के एक निजी विद्यालय में अध्ययन कर रही हैं और अपनी पढ़ाई के साथ खेल में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।
“ताइक्वांडो मेरी पहचान और मेरा जुनून है” – भार्गवी
“ताइक्वांडो सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि मेरी पहचान और मेरा जुनून है। मेरा सपना भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतना है। मैं अपने कोच, परिवार और सभी शुभचिंतकों की आभारी हूं, जिन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया।”
भार्गवी की यह सफलता न केवल उनके परिवार और कोच के लिए गर्व की बात है, बल्कि नागौर जिले और पूरे राजस्थान के लिए भी सम्मानजनक उपलब्धि है। अगर इसी तरह से उनकी मेहनत जारी रही, तो वह जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का गौरव बढ़ाएंगी।

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