अब आया एआई वाला हथियार: X-Bat फाइटर जेट बिना पायलट और रनवे के 50 हजार फीट तक उड़ान भरने में सक्षम
वॉशिंगटन, 02 नवंबर 2025 — नितिन सिंह / वीबीटी न्यूज
डिफेंस टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया अध्याय खुल गया है। अमेरिकी कंपनी शील्ड एआई ने दुनिया का पहला पूर्णत: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-चालित वर्टिकल टेक-ऑफ फाइटर जेट X-Bat पेश कर दिया है, जो पायलट और पारंपरिक रनवे दोनों को अप्रासंगिक बना सकता है। कंपनी के अनुसार यह ऐसा स्वायत्त युद्धक्षेत्र वाहन है जो बिना जीपीएस या बाहरी संचार सहायता के भी मिशन पूरा करने की क्षमता रखता है — दिशा निर्धारित करना, हमला करना और सुरक्षित वापसी करना, सब कुछ AI पर निर्भर करेगा।
X-Bat का आकार कॉम्पैक्ट है, फिर भी इसकी क्षमताएँ पारंपरिक लड़ाकू विमानों जितनी ही प्रभावशाली हैं। इसकी विंगस्पैन 12 मीटर से कम है और यह 50,000 फीट की ऊँचाई तक उड़ान भर सकता है। एक ही बार में इसकी रेंज लगभग 2,000 नौटिकल मील (करीब 3,700 किलोमीटर) बताई जा रही है, जिससे यह लंबी दूरी के स्ट्राइक और इंटेलिजेंस मिशनों के लिए उपयुक्त होगा। हथियारों को इसमें अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह से फिट किया जा सकता है — इसलिए यह स्ट्राइक, रिकॉनीसेंस और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसे बहुमुखी रोल निभा सकता है।
सबसे उल्लेखनीय फीचर इसका वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (VTOL) सिस्टम है। इसका अर्थ है कि X-Bat एयरबेस या रनवे के बिना जमीन या जहाज से सीधे संचालित किया जा सकता है — कठिन इलाकों में तैनाती के नए विकल्प खुलते हैं। साथ ही यह मानव-संचालित विमानों के साथ समन्वय कर के मिश्रित ऑपरेशन्स में भी योगदान दे सकता है। शील्ड एआई के इंजीनियरों का कहना है कि स्वायत्तता और स्वचालन के कारण मिशन लागत घटेगी और जोखिम कम होगा — पायलट के जीवन का संकट समाप्त करने के साथ-साथ संचालन की आर्थिक दक्षता भी बढ़ेगी।
हालाँकि यह तकनीक रोमांचक है, पर विवादों से भी अछूती नहीं। पूर्णत: स्वायत्त हथियार प्रणालियों के उपयोग से जवाबदेही, सुरक्षा और नैतिकता पर कड़े सवाल उठते हैं। क्या मशीनें बिना मानवीय निर्णय के जीवन-मृत्यु जैसे फैसले लेंगी? सैद्धांतिक और कानूनी रूप से जिम्मेदारी कहाँ तय होगी — निर्माता, ऑपरेटर या AI स्वयं? विश्लेषक चेतावनी देते हैं कि बड़े पैमाने पर स्वायत्त प्लेटफ़ॉर्म की तैनाती से युद्ध के नियम, नियंत्रण और नैतिक सीमाएँ चुनौती में पड़ सकती हैं।
X-Bat तकनीक भविष्य के युद्ध की परिभाषा बदलने की क्षमता रखती है — यह सस्ता, तेज़ और घातक विकल्प साबित हो सकता है। पर जिस तरह से यह मंच मानवीय नियंत्रण को कम करेगा, उसी अनुपात में उसकी निगरानी, पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय नियमों में संशोधन की भी आवश्यकता होगी। आने वाले वर्षों में ये सवाल तय करेंगे कि क्या हम AI-युक्त योद्धाओं को नियमन के साथ अपनाएंगे या उनकी संभावनाओं पर वैश्विक स्तर पर पाबंदी लगाएंगे।
