टेहला गांव के अंजनी लखावत ने RAS परीक्षा में हासिल किया सातवां स्थान | राजस्थान प्रशासनिक सेवा में रियाबड़ी का गौरव
रियांबड़ी (नागौर)। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के दम पर रियाबड़ी क्षेत्र के ग्राम टेहला निवासी अंजनी कुमार लखावत ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा में सातवां स्थान प्राप्त कर क्षेत्र और परिवार का मान बढ़ाया है। उनकी इस सफलता से पूरे रियाबड़ी सहित नागौर जिले में हर्ष और गर्व की लहर दौड़ गई है।
अंजनी लखावत एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता स्वर्गीय चतुर्भुज लखावत किसान थे, जबकि माता गृहिणी हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कठिन परिश्रम और निरंतर आत्मविश्वास के बल पर यह मुकाम हासिल किया। अंजनी ने बताया कि यह सफलता उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में प्राप्त की है। इस दौरान उन्होंने आत्मअनुशासन, निरंतर अध्ययन और धैर्य को अपना मूल मंत्र बनाया।
वर्तमान में अंजनी अजमेर के लोकल फंड ऑडिट विभाग में सहायक लेखा अधिकारी (AAO) के पद पर कार्यरत हैं। नौकरी के साथ पढ़ाई को संतुलित करते हुए उन्होंने तैयारी जारी रखी। अंजनी बताते हैं कि काम के बाद के सीमित समय में भी वे रोज़ाना अध्ययन की आदत बनाए रखते थे। उन्होंने कहा कि “यदि व्यक्ति अपने लक्ष्य को लेकर समर्पित हो और मेहनत में निरंतरता रखे, तो सफलता अवश्य मिलती है।”
अंजनी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवारजनों और गुरुजनों को देते हैं। उनका कहना है कि परिवार ने हर कठिन परिस्थिति में उन्हें प्रोत्साहित किया और मार्गदर्शन देने वाले शिक्षकों ने हमेशा सही दिशा दिखाई। उन्होंने अपने साथियों को संदेश दिया कि कठिन परिश्रम से कभी पीछे न हटें, क्योंकि हर प्रयास सफलता की ओर एक कदम होता है।
टेहला गांव और आसपास के क्षेत्रों में अंजनी की सफलता पर खुशी और गर्व का माहौल है। ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बांटकर इस उपलब्धि का जश्न मनाया। गांव के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने कहा कि अंजनी लखावत की यह उपलब्धि ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि यदि इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं।
अंजनी के शिक्षकों और साथियों ने भी उनकी मेहनत और सादगी की सराहना की। उन्होंने बताया कि अंजनी बचपन से ही मेहनती, अनुशासित और लक्ष्य-केन्द्रित छात्र रहे हैं। वे पढ़ाई के साथ सामाजिक सरोकारों में भी सक्रिय रहते थे।
RAS परीक्षा में सातवां स्थान प्राप्त कर अंजनी लखावत ने न केवल अपने परिवार और गांव का बल्कि पूरे नागौर जिले का गौरव बढ़ाया है। उनकी यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े युवा भी दृढ़ संकल्प, समर्पण और मेहनत के बल पर बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं।
अंजनी लखावत की सफलता की कहानी आज हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की राह पर संघर्षरत है।
