अर्धचक्रासन: रीढ़ की हड्डी को मजबूत और हाई BP नियंत्रित
आज के समय में अधिकांश लोग घंटों ऑफिस या घर पर कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं। लगातार एक ही मुद्रा (Posture) में बैठने से रीढ़ की हड्डी में दर्द, अकड़न और मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। समय के साथ ये समस्याएं सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, स्लिप डिस्क या अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। ऐसे में योगासन शरीर को सही मुद्रा और लचीलापन देने के लिए बेहतरीन उपाय हैं।
🌿 अर्धचक्रासन – आधा चक्रासन
इन्हीं में से एक है अर्धचक्रासन (Half Wheel Pose)। इसका नाम ही बताता है कि यह आधे चक्र (Wheel) के आकार जैसा होता है। इस आसन में व्यक्ति सीधे खड़े होकर धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकता है, जिससे रीढ़ की हड्डी खिंचती है और लचीली बनती है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, अर्धचक्रासन न केवल रीढ़ की हड्डियों को मजबूती देता है बल्कि हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) को नियंत्रित करने में भी प्रभावी है।
🩺 अर्धचक्रासन के मुख्य लाभ
- रीढ़ की हड्डी को मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है।
- मांसपेशियों और नसों को स्ट्रेच कर उन्हें मजबूत बनाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक।
- सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण कम करने में मददगार।
- रक्त संचार (Blood Circulation) को बेहतर बनाता है।
- तनाव और मानसिक दबाव कम करता है।
- फेफड़ों की क्षमता बढ़ाकर हाइपरटेंशन के मरीजों को राहत देता है।
- शरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार कर मोटापे को कम करने में मदद करता है।
⚠️ सावधानियां ज़रूरी
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अर्धचक्रासन भले ही आसान दिखाई देता हो, लेकिन इसे करते समय सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है:
- जिन्हें चक्कर, वर्टिगो या संतुलन की समस्या हो, वे इसे न करें।
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इसे धीरे-धीरे और डॉक्टर की सलाह लेकर करें।
- अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं या कोई पुरानी बीमारी है, तो योग शिक्षक की देखरेख में ही आसन करें।
- इसे खाली पेट और हल्के कपड़ों में करना सबसे बेहतर है।
📝 अभ्यास की सही तकनीक
- सीधे खड़े होकर पैरों को कंधों की चौड़ाई तक फैलाएं।
- दोनों हाथ कमर पर रखें और सांस अंदर लें।
- धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और रीढ़ को स्ट्रेच करें।
- इस स्थिति में 5–10 सेकंड रुकें और सामान्य सांस लें।
- धीरे-धीरे वापस आएं और 2–3 बार दोहराएं।
अर्धचक्रासन सिर्फ एक स्ट्रेचिंग व्यायाम नहीं है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को संतुलित करता है। ऑफिस में घंटों बैठने वाले, मोटापे से परेशान या हाई ब्लड प्रेशर के मरीज नियमित अभ्यास से बड़ा फायदा पा सकते हैं। हां, इसे धीरे-धीरे और सही तकनीक से करना ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
