
राजस्थान के नागौर जिले के रियांबड़ी क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में एक बुजुर्ग दंपति की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा ग्राम बड़ायली से मेड़ता की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर हुआ, जहाँ तेज रफ्तार में आ रहे बजरी से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली ने एक मोटरसाइकिल को जबरदस्त टक्कर मार दी। बाइक पर सवार दंपति की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान: बुजुर्ग दंपति की दर्दनाक विदाई
इस हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान भंवर सिंह परिहार (उम्र 71 वर्ष) व उनकी पत्नी पुष्पा कंवर (उम्र 67 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों मूल रूप से भैंसड़ा कला गांव के निवासी थे। घटना के वक्त वे किसी पारिवारिक कार्य से जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैक्टर-ट्रॉली अत्यधिक तेज रफ्तार में थी और सामने से आ रही बाइक को अचानक सामने देखकर चालक संतुलन नहीं संभाल सका। जब तक ब्रेक लगाया गया, तब तक देर हो चुकी थी।
टक्कर की भयावहता: शव क्षत-विक्षत, ग्रामीणों में आक्रोश
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पुष्पा कंवर का शव सड़क पर बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पादुकलां थाना से थाना अधिकारी भारमल चौधरी मय पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटना स्थल का जायजा लिया और स्थिति को संभालने की कोशिश की।
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, धरना-प्रदर्शन शुरू
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और मृतक के परिजनों में भारी आक्रोश फैल गया। गुस्साए लोगों ने शव को सड़क से हटाने से इनकार कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। उन्होंने प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की और दोषी ट्रैक्टर चालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग रखी।
धरना स्थल पर भारी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और कुछ देर के लिए यातायात भी बाधित हो गया। मौके पर पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रशासन की पहल: परिजनों को समझाइश का प्रयास
थाना अधिकारी भारमल चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि घटना की गहनता से जांच की जा रही है। परिजनों से बातचीत कर मामले को शांतिपूर्वक सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही दोषी चालक की तलाश की जा रही है, जो घटना के बाद मौके से फरार हो गया।
प्रशासन ने परिजनों को संवेदना प्रकट करते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। पुलिस का कहना है कि शवों का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
तेज रफ्तार और अवैध बजरी खनन पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार और अवैध बजरी परिवहन पर सवाल खड़े करता है। क्षेत्र में लंबे समय से ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए अवैध बजरी ढुलाई की जा रही है, जिनमें अधिकतर ट्रैक्टर ओवरलोड होते हैं और कोई सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता और कानून की ढिलाई के कारण ऐसे वाहन बेलगाम होकर सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे आमजन की जान पर खतरा बना रहता है। कई बार मांग के बावजूद सख्त कार्रवाई नहीं होती, जिससे ऐसी घटनाएं दोहराई जाती हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा –
“अगर इस क्षेत्र में ट्रैक्टरों की स्पीड पर नियंत्रण और बजरी ट्रांसपोर्ट पर निगरानी होती, तो आज यह हादसा नहीं होता। यह प्रशासन की बड़ी विफलता है।”
सड़क सुरक्षा की अनदेखी: जिम्मेदारी किसकी?
यह हादसा सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। बढ़ते सड़क हादसों में ओवरलोड वाहन, लापरवाह ड्राइविंग और कानूनों की अवहेलना बड़ी वजह हैं।
सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के कई नियम लागू किए गए हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर उनका पालन सुनिश्चित नहीं हो पाता, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
क्या सीखा जाए इस हादसे से?
यह समय है जब हम केवल दुख प्रकट करने से आगे बढ़कर व्यवस्थात्मक सुधार की बात करें। सड़कें आम जनता की हैं, और इन पर हर नागरिक को सुरक्षित यात्रा करने का अधिकार है। इसके लिए:
- अवैध बजरी खनन और ट्रांसपोर्ट पर सख्ती
- ट्रैक्टर-ट्रॉली की गति सीमा लागू करना
- चालकों के लाइसेंस की जांच
- ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था
- पीड़ित परिवार को त्वरित मुआवजा और सहायता
न्याय और सुरक्षा की उम्मीद
भंवर सिंह और पुष्पा कंवर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी मौत ने हमारी संवेदनाओं के साथ-साथ प्रशासन की जिम्मेदारी को भी झकझोर दिया है। अब जरूरत है न्याय और कार्रवाई की, ताकि आगे ऐसा कोई और परिवार अपना सब कुछ न खो दे।