नबी की शान में निकला बारहवफात का जुलूस, देश में अमन और खुशहाली की दुआएं ।
रियांबड़ी। शुक्रवार को शहर की बड़ी मस्जिद से बारहवफात का ऐतिहासिक जुलूस जोहर की नमाज के बाद बड़ी ही श्रद्धा और उत्साह के साथ निकाला गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए और पैगम्बर-ए-इस्लाम की शान में नाते और कलाम पेश किए गए।

पुष्प वर्षा और स्वागत से गुलज़ार हुआ जुलूस का रास्ता
जुलूस बड़ी मस्जिद से रवाना होकर छोटी मस्जिद होते हुए रायकाबाग पहुंचा। यहां कस्बेवासियों और विभिन्न संगठनों की ओर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। इसके बाद जुलूस जसनगर चौराया और रोहिसा चौराया से होते हुए ईदगाह परिसर तक पहुंचा। पूरे रास्ते में जगह-जगह व्यापारिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कस्बेवासियों ने जुलूस का इस्तकबाल किया।
भाईचारे की मिसाल बने जनप्रतिनिधि
जुलूस में कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधियों ने भी मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पैदल चलकर भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की। इस दौरान उन्होंने पर्व की मुबारकबाद दी और साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया।
दरगाह शरीफ में अमन-चैन की दुआ
ईदगाह परिसर में दरूद-फातिहा और सलाम पेश कर मुल्क की खुशहाली, तरक्की और कौमी एकता की दुआ की गई। कमेटी की ओर से आयोजित इस जुलूस में स्वच्छता का विशेष संदेश भी दिया गया। जुलूस में शामिल अकीदतमंदों ने पैगम्बर साहब की शान में नाते-ए-पाक पढ़ी जिससे माहौल नबियाना और गुलज़ार हो उठा।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
जुलूस के दौरान प्रशासन और पुलिस की ओर से विशेष इंतजाम किए गए। थाना अधिकारी भारमल चौधरी, चौकी प्रभारी सीताराम, नरेंद्र सहित पुलिस जवान पूरे रास्ते मुस्तैदी से डटे रहे। मुख्य मार्गों पर पुलिस दल की ओर से कई बार पेट्रोलिंग कर यातायात को नियंत्रित किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मेले जैसा माहौल
पूरे कस्बे में जुलूस के चलते मेले जैसा वातावरण नजर आया। जगह-जगह भाईचारे, उत्साह और आस्था की झलक देखने को मिली। अकीदतमंदों ने कहा कि यह जुलूस केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि कौमी एकता और अमन-चैन का प्रतीक है ।
