November 14, 2025
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भाई दूज 2025: शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजा विधि और महत्व

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परिचय

भाई दूज हिन्दू धर्म का एक अत्यंत प्रिय और पारिवारिक पर्व है। यह उत्सव भाई-बहन के प्रेम, समर्पण और सुरक्षा की भावना को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु, समृद्धि और सुख-शांति की कामना करती हैं, तिलक लगाती हैं, आरती करती हैं और भाई से उपहार ग्रहण करती हैं। भाई अपनी बहन के प्रति संरक्षण और सद्भाव का वचन देते हैं।

त्योहार का महत्व और इतिहास

भाई दूज को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, यह दिन यमराज (मृत्यु के देवता) और उनकी बहन यमुना की भेंट की स्मृति में मनाया जाता है। जब यमराज अपनी बहन यमुना के घर आए तो यमुना ने उन्हें तिलक लगाकर स्वागत किया, जिससे यमराज ने उस दिन को भाई-बहन के संबंध के सम्मान के लिए वरदान स्वरूप स्वीकार किया।
इस प्रकार, भाई दूज सिर्फ सामाजिक संबंध का उत्सव नहीं बल्कि धर्मशास्त्रों में वर्णित एक पवित्र आयोजन भी है।

मनाने की रीति-रिवाज

  • बहनें सुबह स्नान कर व्रत-संकल्प लें, घर को सजाएँ और भाई के लिए थाली तैयार करें—जिसमें तिलक का पात्र, हल्दी-कुमकुम, फूल, मिठाइयाँ आदि हों।
  • भाई को आमंत्रित कर उसकी तिलक करें, आरती उतारें, कलावा बाँधें और भोजन करवाएँ।
  • भाई अपनी बहन को उपहार दें—वस्त्र, मिठाइयाँ, पैसों का समर्पण आदि। यह प्रेम-विनिमय का प्रतीक होता है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में इस पर्व के अलग-अलग नाम और अदायगी देखने को मिलती है—माथे पर टिका का महत्व उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है।

2025 में भाई दूज की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि: गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
  • द्वितीया तिथि का प्रारंभ: 22 अक्टूबर 2025 रात 8:16 बजे से ।
  • द्वितीया तिथि का अंत: 23 अक्टूबर 2025 रात 10:46 बजे तक ।
  • सर्वाधिक शुभ समय (टिलक कराने का) लगभग दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक माना गया है।

लाभ-बिंदु: यदि आप तिलक इसी शुभ समय में करें, तो कहा जाता है कि उसका फल अधिक मिलता है—भाव-भक्ति और श्रद्धा से की गई पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है।

निष्कर्ष

भाई दूज एक ऐसा अवसर है जब हम अपने जीवन में भाई-बहन के रिश्ते को नया अर्थ देते हैं—प्रेम, कर्तव्य, सुरक्षा की भावना को पुनर्जीवित करते हैं। इस दिन की पूजा-विधि, तिलक समय और पारिवारिक माहौल को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करें कि आपका उत्सव सरल, श्रद्धापूर्वक और आनंददायी हो। इस वर्ष 2025 में 23 अक्टूबर का दिन विशेष रूप से शुभ है—अपनी बहन-भाई के साथ यह दिन मिलकर मनाएँ और इस पारंपरिक संबंध को और भी मजबूत करें।

अगर चाहें, तो मैं इस पर्व के लिए पूजा-विधिथाली में शामिल करने योग्य सामग्री, या भाई के लिए उपहार सुझाव भी दे सकता हूँ।

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