भारतीय महिला क्रिकेट टीम को विश्वकप जीत पर हीरे और सोलर पैनलों का तोहफा
सूरत । भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले महिला विश्वकप फाइनल मुकाबले को लेकर देशभर में रोमांच और उत्साह चरम पर है। इसी बीच सूरत से आई एक प्रेरणादायक खबर ने इस जोश को और बढ़ा दिया है। सूरत के दो प्रमुख उद्योगपतियों — श्री राम कृष्णा (एसआरके) डायमंड कंपनी के संस्थापक गोविंद धोलकिया और प्रसिद्ध उद्योगपति जयंतिभाई नारोला ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए एक विशेष घोषणा की है, जिसने सभी का दिल जीत लिया है।
दोनों उद्योगपतियों ने कहा है कि यदि भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी महिला विश्वकप का खिताब जीतती है, तो टीम की हर खिलाड़ी को हीरे के हस्तनिर्मित गहनों और रूफटॉप सोलर पैनल्स का तोहफा दिया जाएगा। इन उपहारों का प्रतीकात्मक अर्थ भी बेहद प्रेरणादायक है — डायमंड ज्वेलरी टीम की चमक, मेहनत और दृढ़ता को दर्शाती है, वहीं सोलर पैनल्स ऊर्जा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनेंगे।
गोविंद धोलकिया ने बताया, “हमारी महिला खिलाड़ी जिस तरह पूरे देश को गर्व और उजाला देती हैं, उसी तरह यह सौर ऊर्जा उनके जीवन में भी स्थायी रोशनी फैलाएगी। यह तोहफा सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि उनके जज्बे और परिश्रम की पहचान है।” उन्होंने इस घोषणा की जानकारी बीसीसीआई को आधिकारिक पत्र के माध्यम से दी है।
धोलकिया का जीवन स्वयं में एक प्रेरणास्रोत कहानी है। गुजरात के अमरेली जिले के दूधाला गांव में एक गरीब किसान परिवार में जन्मे गोविंद धोलकिया ने मात्र सातवीं तक पढ़ाई की। सूरत आकर उन्होंने हीरे तराशने के छोटे से काम से शुरुआत की और अपनी मेहनत, ईमानदारी और दूरदर्शिता के बल पर ‘श्री राम कृष्णा एक्सपोर्ट कंपनी’ की स्थापना की। आज यह कंपनी 6,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और दुनिया के प्रतिष्ठित डायमंड हाउस में गिनी जाती है।
गोविंद धोलकिया और जयंतिभाई नारोला न केवल उद्योग जगत में बल्कि समाजसेवा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अग्रणी माने जाते हैं। धोलकिया ने कई बार गरीब बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के लिए योगदान दिया है।
इस अनोखी घोषणा के बाद पूरे देश में उत्साह और गर्व का माहौल है। क्रिकेट प्रेमी सोशल मीडिया पर लगातार भारतीय महिला टीम को शुभकामनाएँ दे रहे हैं। हीरा नगरी सूरत में लोग इसे “देश की बेटियों के सम्मान में हीरे की चमक” कह रहे हैं।
यह पहल न केवल खिलाड़ियों के लिए सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह देशभर की लड़कियों को यह संदेश भी देती है कि मेहनत और लगन से कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है। महिला टीम की यह प्रेरक कहानी अब सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में उजाला फैलाने की नई मिसाल बन गई है।
– नितिन सिंह / 02 नवंबर 2025
