भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर नागौर में दो दिवसीय प्रदर्शनी
नागौर|13 नवम्बर 2025 — देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज-सुधारक और जनजातीय चेतना के प्रखर प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में नागौर जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा दो दिवसीय भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यह विशेष प्रदर्शनी 14 एवं 15 नवम्बर को मानसर चौराहे स्थित जिला जनसंपर्क कार्यालय परिसर में आयोजित होगी। जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित 14 नवम्बर को इसका शुभारंभ करेंगे।
बिरसा मुंडा की जयंती पर विशेष आयोजन
सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. मनीष जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रदर्शनी भगवान बिरसा मुंडा के जीवन, संघर्षों और समाज-सुधार से जुड़े योगदान को समर्पित होगी। इस दौरान आगंतुकों को उनके जीवन से जुड़े अनेक दुर्लभ चित्र, प्रमाणिक दस्तावेज़, ऐतिहासिक सामग्री, साहित्यिक लेखन तथा उनके विचारों की झलक देखने को मिलेगी। यह आयोजन विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, इतिहास प्रेमियों और आमजन को प्रेरित करने का उद्देश्य रखता है।
जनजातीय चेतना के महाआंदोलन के नायक
भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के उलीहातू गांव में हुआ था। वे मात्र 25 वर्ष की आयु में इतिहास के स्वर्ण पृष्ठों में अमर हो गए। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचार और शोषण के विरुद्ध जनजातीय समाज को संगठित कर “उलगुलान” — महान जनविद्रोह का नेतृत्व किया।
कम उम्र में ही उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों, धार्मिक कुप्रथाओं और शोषण के खिलाफ जागरण अभियान चलाकर आदिवासी समुदाय में नई चेतना का संचार किया। आत्मसम्मान, एकता और स्वावलंबन पर आधारित उनके संदेश आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
प्रदर्शनी में क्या-क्या होगा विशेष?
इस दो दिवसीय प्रदर्शनी में—
- बिरसा मुंडा के जीवन से जुड़े दुर्लभ फोटोज़ और ऐतिहासिक दस्तावेज़,
- समाज-सुधार से संबंधित साहित्यिक सामग्री,
- जनजातीय आंदोलन और उलगुलान की विस्तृत जानकारी,
- उनके विचारों, नीतियों और मूल्यों को दर्शाती थीम-बेस्ड इंस्टॉलेशन्स
प्रदर्शित किए जाएंगे।
प्रदर्शनी में आने वाले आगंतुक यह समझ सकेंगे कि कैसे एक युवा आदिवासी नेता ने सीमित संसाधनों में भी अंग्रेजी शासन को चुनौती दी और समाज में आत्मगौरव की लौ जलाई।
युवाओं और विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत
जिला जनसंपर्क कार्यालय ने सभी नागरिकों, विद्यालयों, शिक्षकों और विद्यार्थियों से अपील की है कि वे इस प्रदर्शनी का अवलोकन अवश्य करें। अधिकारी डॉ. जैन ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन युवाओं को साहस, संघर्ष और राष्ट्रप्रेम का वास्तविक संदेश देता है। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने स्वतंत्रता आंदोलन के दिनों में थे।
सामाजिक चेतना और आदिवासी गौरव को समर्पित आयोजन
यह प्रदर्शनी न केवल उनके योगदान को याद करने का अवसर है, बल्कि आदिवासी समाज की संस्कृति, संघर्ष और गौरव को समझने का भी माध्यम बनेगी। जिला प्रशासन का मानना है कि ऐसी ऐतिहासिक झलकियाँ नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने तथा समाज में जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
