जल एवं स्वच्छता समिति बैठक: फेज-3 की धीमी प्रगति पर कलेक्टर नाराज
नागौर, 23 सितम्बर 2025।
जिला जल एवं स्वच्छता समिति की मासिक बैठक मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने की। बैठक में जल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत चल रहे प्रोजेक्ट्स की विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में अधीक्षण अभियंता (जल एवं स्वच्छता मिशन) पी.एस. तंवर ने विभिन्न योजनाओं और कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद अधीक्षण अभियंता व्रत नागौर एवं सदस्य सचिव अजय कुमार मीणा ने पीपीटी के माध्यम से जिला स्तरीय प्रोजेक्ट्स की अद्यतन स्थिति बताई। रिपोर्ट में बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत सरकारी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों और स्वास्थ्य केंद्रों में पेयजल कनेक्शन और स्वच्छता से जुड़े कार्य तेजी से चल रहे हैं।
कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि हर घर जल प्रमाणीकरण और एफएचटीसी (Functional Household Tap Connection) से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं की समयबद्धता बनाए रखना अनिवार्य है, ताकि आमजन को जल्द से जल्द सुविधाएं मिल सकें।
बैठक के दौरान फेज-3 की प्रगति पर असंतोष जताते हुए कलेक्टर ने कहा कि यह चरण बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन इसकी गति संतोषजनक नहीं है। उन्होंने संबंधित अधिशासी अभियंता और फर्म प्रतिनिधियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही स्पष्ट किया कि परियोजनाओं में देरी को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर ने फर्म प्रतिनिधियों को सड़कों की मरम्मत, कार्यों की गति बढ़ाने और भुगतान संबंधी समस्याओं को समय पर सुलझाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के तहत जिन कार्यों को जनता के हित में किया जा रहा है, उनकी गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखना सबसे अहम है।
बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और सलाहकार भी मौजूद रहे। इनमें एवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता अशोक चौधरी, डिप्टी सीएमएचओ राजेश पराशर, वाटरशेड अधिशासी अभियंता राजेश वर्मा, अधिशासी अभियंता रमेश चौधरी, जसवंत भाम्भू, सुरेश माली, जिला एचआरडी सलाहकार डॉ. तेजवीर चौधरी, जिला आईईसी सलाहकार मोहम्मद शरीफ छिपा, एमआईएस रामदेव बेरा, प्रोजेक्ट फर्म के मनीष शर्मा व महिपाल जाखड़ तथा आईएसए प्रतिनिधि मोहनराम भादू प्रमुख रहे।
बैठक के अंत में कलेक्टर ने सभी अधिकारियों और फर्म प्रतिनिधियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि कार्यों की प्रगति निर्धारित समयसीमा में नहीं हुई तो जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिले के प्रत्येक गांव और संस्थान को शुद्ध पेयजल एवं बेहतर स्वच्छता सेवाएं मुहैया कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस बैठक से यह साफ हो गया कि जिला प्रशासन अब योजनाओं को लेकर पूरी तरह सख्त रुख अपनाने के मूड में है। यदि गति नहीं बढ़ी तो कार्रवाई तय है।
