जसनगर कस्बे की लूणी नदी पर बनी रपट का जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण ।
जसनगर से संवाददाता राजाराम पटेल की रिपोर्ट
नागौर जिले के जसनगर कस्बे में लूणी नदी पर बनी रपट का गुरुवार दोपहर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बढ़ते जलस्तर की स्थिति का जायजा लिया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आमजन की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए इस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

लगातार बढ़ता जलस्तर और आवागमन पर रोक
कलेक्टर पुरोहित गुरुवार शाम करीब 4:15 बजे जसनगर पहुंचे। उन्होंने देखा कि लूणी नदी पर बनी रपट पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सुरक्षा कारणों से प्रशासन को यहां आमजन की आवाजाही रोकनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बरसात के मौसम में यह पांचवीं बार है जब रपट पर आवागमन बंद करना पड़ा है। इससे ग्रामीणों में नाराजगी भी देखने को मिली।
ग्रामीणों ने कलेक्टर से कहा कि बरसात आते ही जसनगर से आसपास के गांवों का संपर्क टूट जाता है। छात्रों, मरीजों और ग्रामीणों को कई किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। कई बार आपात स्थिति में मरीजों और स्कूली बच्चों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर पुरोहित ने मेडता एसडीएम पूनम चोयल को निर्देश दिए कि एनएच-458 पर स्थित इस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि 30 किलोमीटर के दायरे में दो स्थानों पर टोल वसूली हो रही है, इसके बावजूद सड़क की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह गहरे गड्ढे और टूटी सड़कें दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रही हैं। उन्होंने अधिकारियों से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने और स्थायी समाधान की कार्ययोजना तैयार करने को कहा।
टोल वसूली के बावजूद नहीं हुआ सुधार
इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष जसनगर राकेश टाक ने कलेक्टर को अवगत कराया कि टोल कर नियमित रूप से वसूला जा रहा है, लेकिन सड़क और रपट की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने भी बताया कि टोल संचालकों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

ग्रामीणों की चिंता: हर साल दोहराती है समस्या
ग्रामीण रतनलाल चौहान, नेनाराम चौहान, गजेन्द्र पुरी गोस्वामी, गजेन्द्र गहलोत, मनोहर सांखला, शोभाराम बडियासर, महिपाल चोटिया, सज्जनराज कुमावत, प्रदीप मुवाल, रामअवतार मेघवाल और फुलचन्द गहलोत ने कहा कि हर बरसात में रपट पर पानी चढ़ने से रास्ता बंद हो जाता है। लोग मजबूरी में जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। कई बार ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली या निजी साधनों से नदी पार करते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है।
ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि जल्द से जल्द यहां स्थायी पुल का निर्माण कराया जाए, ताकि बरसात के मौसम में हर साल इस समस्या का सामना न करना पड़े।
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
कलेक्टर पुरोहित ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि रपट और सड़क की स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि टोल संचालकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
“ग्रामीणों की समस्याएं गंभीर हैं। स्थायी समाधान के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। टोल संचालकों की जिम्मेदारी तय होगी और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि रखी जाएगी।”
— अरुण पुरोहित, जिला कलेक्टर नागौर
