
नागौर। राजस्थान सरकार द्वारा समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा शिविर का लाभ एक ज़रूरतमंद बीपीएल परिवार को मिला। नागौर जिले की ग्राम पंचायत सारसण्डा में आयोजित इस शिविर में कैलाश पुत्र लालाराम निवासी आंतरोली खुर्द, उम्र 43 वर्ष, ने अपनी पात्रता के आधार पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया।
पुत्री की शादी के बाद मदद की आस लेकर पहुंचे शिविर में
कैलाश, जो कि अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से हैं और बीपीएल श्रेणी में आते हैं, ने हाल ही में अपनी पुत्री का विवाह संपन्न कराया था। आर्थिक स्थिति सामान्य नहीं होने के कारण उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता हेतु शिविर में आवेदन किया।
उन्होंने अपनी समस्या को शिविर में उपस्थित नोडल अधिकारी एवं डेगाना तहसीलदार श्री सतीश कुमार राव के समक्ष रखा। अधिकारी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए मामले को गंभीरता से लिया और मौके पर ही संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया कि प्रार्थी को योजना का लाभ मिले, इसके लिए आवश्यक सभी दस्तावेजों की तत्काल पूर्ति की जाए।
योजना की पात्रता एवं दस्तावेजों की कमी
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य होते हैं:
- बीपीएल राशन कार्ड
- विवाह प्रमाण-पत्र
- आय प्रमाण-पत्र
- बालिका का जन्म प्रमाण-पत्र
- मूल निवास प्रमाण-पत्र
- जाति प्रमाण-पत्र
हालांकि, कैलाश के पास इनमें से केवल कुछ ही दस्तावेज उपलब्ध थे। उनके पास बीपीएल राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण-पत्र और जाति प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं थे, जिससे आवेदन प्रक्रिया अधूरी रह सकती थी।
ई-मित्र के माध्यम से मिली राहत
नोडल अधिकारी के निर्देश पर शिविर में ही कार्यरत ई-मित्र संचालक को सक्रिय किया गया। तत्परता दिखाते हुए शिविर स्थल पर ही कैलाश के मूल निवास प्रमाण-पत्र और जाति प्रमाण-पत्र तत्काल जारी करवा दिए गए। इसके अतिरिक्त, बीपीएल राशन कार्ड की डुप्लीकेट कॉपी भी ई-मित्र के माध्यम से पुनः प्रिंट करवाई गई।
इस पहल ने यह सुनिश्चित किया कि आर्थिक रूप से कमजोर एवं दस्तावेजों की कमी से जूझ रहे परिवार को मौके पर ही राहत मिले और योजना का लाभ समय पर मिल सके।
शिविर में हुआ कन्यादान योजना के लिए आवेदन
जब सभी आवश्यक दस्तावेज पूर्ण हो गए, तब मौके पर ही कैलाश का मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन भी पंजीकृत किया गया। आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही कैलाश को सूचित किया गया कि शीघ्र ही ₹31,000 की राशि DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी।
यह राशि कन्यादान योजना के तहत दी जाती है, जो राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब एवं वंचित परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
सरकार की कल्याणकारी नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन
इस प्रकार की योजनाएं और शिविर सरकार के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के मूलमंत्र को जमीन पर उतारने का बेहतरीन उदाहरण हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय शिविर न केवल योजनाओं की जानकारी देने तक सीमित हैं, बल्कि वे मौके पर ही समस्या समाधान, दस्तावेज़ निर्माण और आवेदन प्रक्रिया को भी पूर्ण करने में सक्षम हैं।
शिविर स्थल पर उपस्थित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों, नोडल अधिकारी तथा ई-मित्र प्रतिनिधियों ने टीम भावना से काम करते हुए कैलाश की समस्या को समाधान तक पहुँचाया, जो प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और संवेदनशीलता का प्रमाण है।
प्रार्थी ने जताया आभार
आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने और सहायता राशि की स्वीकृति मिलने पर प्रार्थी कैलाश ने राज्य सरकार, मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा शिविर आयोजकों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए इस प्रकार की योजनाएं एक संबल का कार्य करती हैं और इन शिविरों से सीधे लाभ मिल पाता है।
कैलाश ने यह भी कहा कि “अगर ये शिविर नहीं होता तो शायद मुझे योजना के बारे में जानकारी नहीं मिलती और न ही दस्तावेजों की पूर्ति संभव हो पाती। आज मेरी बेटी के विवाह के बाद मिली ये आर्थिक सहायता हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ा सहारा है। मैं सरकार का दिल से धन्यवाद करता हूँ।”
क्या है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना?
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना उन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी में आते हैं और अनुसूचित जाति/जनजाति, विशेष वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से संबंधित हैं। योजना के अंतर्गत पात्र परिवार को बेटी के विवाह पर ₹31,000 की सहायता राशि दी जाती है।
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- केवल राजस्थान राज्य के मूल निवासी पात्र
- बीपीएल या पात्र सामाजिक श्रेणी की पहचान आवश्यक
- सहायता राशि DBT के माध्यम से सीधे खाते में
- आवेदन की प्रक्रिया सरल और शिविरों में संभव
इस पूरी प्रक्रिया ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर पर संवेदनशीलता और तत्परता से लागू की जाती हैं, तो वे वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुँचती हैं। ग्राम पंचायत सारसण्डा में आयोजित यह शिविर इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन जब ज़रूरतमंद नागरिक के पास पहुँचता है, तो जनकल्याण की दिशा में सशक्त कदम आगे बढ़ते हैं।
राज्य सरकार द्वारा संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा शिविर आने वाले दिनों में भी इसी प्रकार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होंगे।