November 15, 2025
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केडीवी मिशन: कबीरपंथियों ने चींटियों और गायों को खिलाया दलिया, जीव दया का दिया संदेश

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नागौर/ सद्गुरु कबीर साहब के वचनों और नवोदित वशांचार्य पंथ श्री हुजूर उदित मुनि नाम साहेब की प्रेरणा से “जीव दया आत्म पूजा” को जीवन का मूल उद्देश्य मानने वाले कबीरपंथियों ने एक बार फिर समाज के सामने सेवा और करुणा की मिसाल पेश की। अमावस्या के पावन अवसर पर जालौर जिले के भीनमाल के पास स्थित निम्बावास में एशिया के सबसे बड़े “कीड़ी नगरा” में केडीवी मिशन के तहत चींटियों और गायों के लिए विशेष आहार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में आस-पास के समस्त सद्गुरु कबीर आश्रमों से जुड़े सैकड़ों भक्तों, संतों, महंतों और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर जीव दया को मूर्त रूप दिया। सैकड़ों बीघा में फैली चींटियों की कॉलोनियों में दलिया, शक्कर, बूरा, घी और खोपरा डाला गया। वहीं स्थानीय गौशालाओं में गुड़, बंटे और चारे की भी व्यवस्था की गई।

🌱 सेवा और करुणा का संगम

केडीवी मिशन का यह आयोजन केवल दान-पुण्य तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति करुणा, संवेदना और दायित्व का भी संदेश देता है। कबीरपंथ के अनुयायी “जीव दया आत्म पूजा” के सिद्धांत को जीवन में अपनाने का संकल्प लेते हुए समाज को करुणा और सेवा की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

🙏 महंतों और संतों की गरिमामयी उपस्थिति

इस अवसर पर कई प्रमुख कबीर आश्रमों के महंतों और संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

  • पीह कबीर आश्रम के महंत सतनाम सिंह राठौड़ साहेब
  • मेड़ता कबीर आश्रम की महंत चुका माता साहिबा
  • फारकिया कबीर आश्रम के महंत रामसिंह साहेब
  • अजमेर कबीर आश्रम की महंत सुशीला माता साहिबा
  • रामा जालौर कबीर आश्रम के महंत अमर दास साहेब
  • महंत अनुसुया साहिबा

इन सभी ने भक्तों के साथ मिलकर चींटियों और गायों के लिए दान-पुण्य कर इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।

🌟 केडीवी मिशन – सेवा का नया अध्याय

केडीवी मिशन द्वारा संचालित यह सेवा अभियान केवल जीवों को भोजन कराने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक चेतना का भी प्रतीक है। कार्यक्रम में शामिल भक्तों ने कहा कि वे इस मिशन के माध्यम से हर अमावस्या पर जीव-जन्तुओं के लिए आहार वितरण करेंगे और इसे एक नियमित सेवा रूप में आगे बढ़ाएंगे।

🐜 कीड़ी नगरा – एशिया की अनूठी पहचान

जालौर जिले के भीनमाल के पास स्थित निम्बावास का यह “कीड़ी नगरा” एशिया का एकमात्र और सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो हजारों-लाखों चींटियों के बसेरों के लिए जाना जाता है। यहां जीव दया और प्रकृति संरक्षण का संगम देखने को मिलता है।


🔹 इस तरह केडीवी मिशन का यह आयोजन समाज को यह संदेश देता है कि जीव मात्र की सेवा ही आत्म पूजा है।
🔹 कबीरपंथियों की यह पहल करुणा, प्रेम और दायित्व का प्रेरक उदाहरण बन गई है।

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