राष्ट्रपिता व शास्त्री के आदर्शों को भुलाया नहीं जा सकता – सी.आर. चौधरी
नागौर । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन देश के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। उनकी सादगी, ईमानदारी और जनसेवा के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। यह बात गुरुवार को गांधी जयंती और शास्त्री जयंती के अवसर पर शहर के गांधी चौक में आयोजित कार्यक्रम में किसान आयोग अध्यक्ष सी.आर. चौधरी ने कही।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि सत्य और अहिंसा के बल पर किसी भी अन्याय का सामना किया जा सकता है। उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में काले-गोरे के भेदभाव को मिटाने की शुरुआत की। गांधी जी ने चरखा चलाकर ‘वोकल फॉर लोकल’ की नींव रखी और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा दिया। चौधरी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वदेशी अपनाने का सपना तभी साकार होगा, जब हर नागरिक इसे जीवन में उतारे।
शास्त्री जी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे सादगी के पुजारी और ईमानदारी के प्रतीक थे। उनका दिया नारा ‘जय जवान, जय किसान’ देशवासियों के लिए आज भी प्रेरणादायी है। चौधरी ने कहा कि दोनों महापुरुषों के आदर्शों को आत्मसात कर ही हम समाज और राष्ट्रहित में वास्तविक योगदान दे सकते हैं।
कार्यक्रम में जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने गांधी जी की जीवनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा साधारण जीवन जिया और तीसरे दर्जे में यात्रा कर कमजोर वर्ग की समस्याओं को करीब से समझा। गांधी जी का संदेश था कि दुश्मन के प्रति भी दुर्भावना न रखें और सभी के साथ परिवार की तरह व्यवहार करें। उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। इसी प्रकार लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री रहते हुए भी सादगीपूर्ण जीवन जिया और जनता की सेवा को सर्वोपरि माना।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा, भाजपा जिला अध्यक्ष रामधन पोटलिया, खींवसर विधायक रेवतराम डांगा, नगर परिषद सभापति मीतू बोथरा, जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा, ओमप्रकाश सेन और खींवसर प्रधान प्रतिनिधि जगदीश बिडियासर सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान गांधी चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कलक्ट्रेट परिसर में गांधी जी की मूर्ति और शास्त्री जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। इस दौरान गांधी जी के प्रिय भजनों का सामूहिक गायन हुआ और अंत में जिला कलक्टर ने सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई।
गांधी जयंती और शास्त्री जयंती के इस संयुक्त आयोजन ने उपस्थित जनों को यह संदेश दिया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के आदर्श अमर हैं और उन्हें जीवन में अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
