Nagaur: गौसेवकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, श्रवण सैन की रिहाई की मांग
नागौर जिले के मेड़ता सिटी में बुधवार को गौसेवकों ने एकजुट होकर तहसीलदार रामसिंह गुर्जर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन को पार्षद दिलीप टाक, विजयराज और ताराचंद कच्छावाह के नेतृत्व में सौंपा गया। ज्ञापन में नागौर गौशाला से जुड़े विवाद को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई और निष्पक्ष जांच की मांग की गई।

गौसेवकों ने बताया कि 23 सितम्बर 2025 को नागौर स्थित विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय के बाहर एक अप्रिय घटना हुई। उस समय महामण्डलेश्वर कुशालगिरीजी महाराज अपनी धार्मिक यात्रा (अयोध्या, काशी, प्रयागराज, उज्जैन, अंबाजी, भंवाल माताजी) पर थे। उनके अनुपस्थित रहने के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने गौसेवा से जुड़े समर्पित व्यक्तित्व की छवि धूमिल करने का प्रयास किया। आरोप लगाया गया कि गौशाला की गतिविधियों को लेकर जानबूझकर झूठे आरोप लगाए गए।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि घटना के दौरान गोसेवक श्रवण सैन के साथ हमला किया गया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने हमलावरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत, निर्दोष श्रवण सैन को ही गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई से स्थानीय गौभक्तों और समाज के बीच गहरा रोष व्याप्त है।
गौसेवकों का कहना था कि प्रशासन की यह कार्रवाई पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण और अन्यायपूर्ण है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि स्वामी कुशालगिरीजी महाराज पर दर्ज झूठा मुकदमा वापस लिया जाए, उन पर लगाई गई सभी धाराएं हटाई जाएं और श्रवण सैन को तत्काल रिहा किया जाए। इसके साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की गई।
इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि गौसेवा भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और इसके लिए काम करने वाले लोगों की छवि खराब करना असहनीय है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही न्यायपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरे क्षेत्र में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और गौभक्त मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रूप से यशपाल कच्छावाह (कामधेनु सेना मेड़ता तहसील सचिव), गोतम दायमा (कामधेनु सेना कार्यकारिणी सदस्य), दिनेश भाटी (कामधेनु सेना कार्यकारिणी सदस्य), ताराचन्द कच्छावाह (राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता माली महासभा), भंवरलाल जादम (पूर्व अध्यक्ष माली समाज मेड़ता), राज कुमार दहीया (मीरा तैरागी संघ), शिवराज चौहान (मेड़ता माली सभा अध्यक्ष), पार्षद दिलीप टाक, राहुल कछावा, राजवीर बिश्नोई, ओमप्रकाश बिश्नोई, प्रदीपजी डारा, राजवीर जाखड़, रामनरेश बिश्नोई सहित बड़ी संख्या में स्थानीय गौभक्त शामिल थे।
गौसेवकों ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से न केवल गौशाला की छवि धूमिल होती है, बल्कि समाज में गलत संदेश जाता है। इसलिए आवश्यक है कि इस पूरे विवाद की निष्पक्ष जांच कर असली दोषियों को सामने लाया जाए।
डीडी चारण की रिपोर्ट/वीबीटी न्यूज
