मेड़ता विधायक के पोस्टर पर कालिख पोतने के विरोध में सर्व समाज ने जताया विरोध
डी. डी. चारण की रिपोर्ट / मेड़ता सिटी
मेड़ता सिटी में शनिवार को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा विधायक लक्ष्मण राम कलरू के पोस्टर पर कालिख पोतने की घटना के विरोध में सर्व समाज के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की। इस मामले में पुलिस प्रशासन से त्वरित कदम उठाने की भी मांग की गई।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल का मेड़ता दौरा प्रस्तावित था। इस मौके पर हेलीपैड के सामने एक बड़े पोस्टर पर विधायक लक्ष्मण राम कलरू की तस्वीर लगी हुई थी। बताया गया है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने कथित तौर पर गलत मंशा से इस पोस्टर पर काले स्प्रे से दाग डाल दिया। इस घटना से सर्व समाज के कार्यकर्ताओं में गहरा रोष उत्पन्न हुआ और उन्होंने इसे समाज और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया।
सर्व समाज कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं केवल व्यक्तिगत अपमान ही नहीं, बल्कि समाज में शांति और सौहार्द को भी प्रभावित करती हैं। इस प्रकार की हरकतें लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भी खतरनाक मानी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
इस मामले में एडवोकेट नारायण पारीक ने बताया कि शनिवार शाम को सर्व समाज कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस उपाधिक्षक रामकरण सिंह मलिंडा से मिला और मामले में संज्ञान लेकर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस अधिकारी ने इस प्रतिनिधि मंडल से वार्ता के दौरान आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द ही पकड़ने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी और घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस को यह भी सुझाव दिया कि इलाके में सुरक्षा बढ़ाई जाए और ऐसे असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए सतत निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक घटना नहीं है, बल्कि समाज में शांति और सौहार्द को बनाए रखने का सवाल भी है।
इस मौके पर कई समाजसेवी, स्थानीय नागरिक और कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने पोस्टर पर कालिख पोतने की घटना को गंभीर बताते हुए इसके विरोध में सड़कों पर आवाज उठाई। कार्यकर्ताओं का कहना था कि लोकतंत्र में किसी भी जनप्रतिनिधि का अपमान स्वीकार्य नहीं है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
पुलिस अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों की जांच की जा रही है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की।
इस तरह, मेड़ता में हुए इस विरोध प्रदर्शन ने स्पष्ट संदेश दिया कि समाज किसी भी असामाजिक और अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। कार्यकर्ताओं का कहना था कि लोकतांत्रिक मूल्य और सम्मान को बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई आवश्यक है।
