मेड़ता विधायक ने कलेक्टर से मुलाकात कर अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को राहत दिलाने की उठाई मांग
संवाददाता/ डी डी चारण / मेड़ता सिटी
मेड़ता क्षेत्र में हाल ही में हुई अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कृषि आधारित आजीविका पर निर्भर हजारों किसान इस आपदा से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इसी महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर मेड़ता विधायक लक्ष्मण राम कलरु ने शुक्रवार को नागौर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित से औपचारिक मुलाकात की और विस्तृत बातचीत करते हुए किसानों की समस्याओं को मजबूती से रखा।
विधायक कलरु ने कलेक्टर को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अतिवृष्टि से आपदाग्रस्त गांवों की सूची में मेड़ता एवं रियांबड़ी उपखंड क्षेत्र के कई ऐसे गांव शामिल नहीं हो पाए हैं, जो वास्तविक रूप से भारी नुकसान से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं, खेतों की मिट्टी कटाव का शिकार हुई, और मवेशियों के चारे की भारी कमी महसूस की जा रही है। इसके बावजूद कई गांव राहत सूची से बाहर रह गए हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है।
कलरु ने मांग की कि ऐसी स्थिति में सभी वास्तविक रूप से प्रभावित गांवों को आपदा सूची में शामिल किया जाए और प्रत्येक प्रभावित किसान परिवार को राहत का लाभ तत्काल दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यही है कि कोई भी पात्र किसान राहत से वंचित न रहे, इसलिए जिले स्तर पर पुनः सर्वे करवाकर सभी प्रभावित गांवों को सूची में जोड़ना अति आवश्यक है।
विधायक ने यह भी उल्लेख किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर बिजली व्यवस्था, संपर्क मार्ग और सिंचाई स्रोत भी प्रभावित हुए हैं, जिनकी मरम्मत और पुनर्स्थापना भी त्वरित कार्रवाई की मांग करती है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि राहत कार्यों को पूरी पारदर्शिता और तेजी के साथ संचालित किया जाए।
कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने विधायक द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर संवेदनशीलता से चर्चा की और कहा कि प्रशासन किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिन गांवों का नाम सूची में शामिल नहीं हो पाया है, उनके मामले की पुनः जांच कर उचित और त्वरित कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि अतिवृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा में किसानों को राहत पहुंचाना ही प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विधायक कलरु ने मुलाकात के बाद कहा,
“किसानों की पीड़ा हमारी अपनी पीड़ा है। हमारा पूरा प्रयास यही है कि किसी भी प्रभावित किसान परिवार को राहत से वंचित न रहने दिया जाए। प्रशासन से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी प्रभावित परिवारों को उनका पूरा हक मिलेगा।”
इस बैठक के बाद क्षेत्र के किसानों में राहत की उम्मीद जगी है। ग्रामीण जनमानस का मानना है कि प्रशासनिक स्तर पर त्वरित निर्णय होने से उन्हें वास्तविक सहायता समय पर मिल सकेगी।
