ग्राम रैण में न्याय आपके द्वार अभियान जागरूकता शिविर आयोजित
संवाददाता / डी. डी. चारण / मेड़ता सिटी :
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) द्वारा विधिक सेवा दिवस के 30 वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेशभर में 3 माह तक चलने वाले विशेष अभियान “न्याय आपके द्वार – लोक उपयोगिता समस्याओं का सुलभ और त्वरित समाधान” का आयोजन किया जा रहा है। यह राज्यव्यापी अभियान 10 नवम्बर 2025 से 10 फरवरी 2026 तक चलेगा। इसी कड़ी में आमजन को जागरूक करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेडता की सचिव स्वाति शर्मा द्वारा शनिवार को ग्राम रैण में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।
सचिव स्वाति शर्मा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि इस विशेष अभियान का उद्देश्य लोक उपयोगिता सेवाओं से संबंधित शिकायतों का त्वरित एवं सरल निस्तारण स्थायी लोक अदालतों के माध्यम से करना है। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत आमजन को यह सुविधा दी जा रही है कि वे बिना किसी जटिल प्रक्रिया के अपनी शिकायतों को स्थायी लोक अदालत में दर्ज करा सकें, ताकि विद्युत, पानी, परिवहन, बैंकिंग, बीमा, टेलीफोन, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास और भू-सम्पदा जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़ी समस्याओं का समयबद्ध समाधान संभव हो सके।
इस अवसर पर स्थायी लोक अदालत मेड़ता के सदस्य विमलेश व्यास ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि स्थायी लोक अदालतें जन उपयोगी सेवाओं के विवादों को सरल, शीघ्र और सस्ती प्रक्रिया के माध्यम से निपटाती हैं। उन्होंने बताया कि वायु, सड़क या जल परिवहन सेवाएं, डाक/टेलीग्राफ/टेलीफोन सेवा, बिजली-पानी आपूर्ति, स्वच्छता व स्वास्थ्य सेवाएं, अस्पताल एवं डिस्पेंसरी सेवाएं, बीमा एवं बैंकिंग सेवाएं, आवासीय सेवाएं, एलपीजी गैस सेवा, शैक्षणिक संस्थान तथा भू-सम्पदा से संबंधित सेवाएं—ये सभी लोक उपयोगिता सेवा के अंतर्गत आती हैं।
व्यास ने बताया कि रालसा द्वारा इस विशेष अभियान में सबसे बड़ा नवाचार यह है कि नागरिक अब अपनी शिकायतें हस्तलिखित साधारण आवेदन के रूप में सीधे व्हाट्सएप नंबर 9119365734 पर भेज सकते हैं। इससे ग्रामीण एवं दूरदराज़ के नागरिकों को न्याय तक पहुंच और भी आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई सरकारी उपक्रम या जन उपयोगी सेवा अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहती है, तो स्थायी लोक अदालत आमजन के लिए न्याय प्राप्ति का त्वरित और प्रभावी माध्यम साबित होती है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थायी लोक अदालत की प्रक्रिया पारंपरिक न्यायालयों से भिन्न है। इसमें लंबे मुकदमों, जटिल साक्ष्यों या महंगे खर्च की आवश्यकता नहीं होती। विवादों का समाधान दोनों पक्षों के बीच आपसी समझाइश और सौहार्द्रपूर्ण तरीके से किया जाता है। इस प्रणाली का उद्देश्य आमजन को न्याय सुलभ बनाना और जन उपयोगी सेवाओं को अधिक जवाबदेह बनाना है।
शिविर में उपस्थित ग्रामीणों ने अभियान को सराहा और इसे सरकारी सेवाओं की कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। जागरूकता शिविर में बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
एडिटर/नितिन सिंह/वीबीटी न्यूज / 15 नवंबर 2025
