डरे हुए पाकिस्तान ने पीओके से दूर अफगान बॉर्डर पर शिफ्ट किए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शिविर
नई दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई के चलते पाकिस्तानी आतंकी संगठन अपनी गतिविधियों को छुपाने और सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं। अब खबर है कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पंजाब से दूर, खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में अपने नए आतंकी शिविर स्थापित कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा ने अफगानिस्तान की सीमा से लगभग 47 किलोमीटर दूर अपने नए केंद्र ‘जिहाद-ए-अक्सा’ का निर्माण शुरू कर दिया है। यह कदम पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले क्षेत्रों में बढ़ती सुरक्षा चेकिंग और भारतीय खुफिया एजेंसियों की सतत निगरानी के कारण उठाया गया है। जानकारी मिली है कि यह नया अड्डा पुराने फिदायीन प्रशिक्षण शिविरों का विकल्प बन रहा है, जहां आतंकियों को सक्रिय जिहाद प्रशिक्षण दिया जाता था।
पिछले दो महीनों में ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की रणनीति को पूरी तरह बदल दिया है। भारतीय सेना द्वारा मई में किए गए अभियान के दौरान लश्कर के अहम अड्डों को निशाना बनाया गया। 7 मई की स्ट्राइक में भारतीय सैनिकों ने भींबर-बरनाला में लश्कर के मरकज ‘अहले हदीथ’ को पूरी तरह तबाह कर दिया था। यह कार्रवाई उस समय की गई थी, जब पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था।
भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने पिछले महीने बताया था कि ऑपरेशन के दौरान पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को भी मार गिराया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ढांचों को नष्ट करना था। इसके प्रभाव के कारण पाकिस्तान और वहां के आतंकी संगठन डर और असुरक्षा में हैं। यही वजह है कि वे अपने पुराने ठिकानों को छोड़कर अफगान बॉर्डर के पास नए और अधिक सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो रहे हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस नए केंद्र में फिदायीन प्रशिक्षण और आतंकवादी गतिविधियों को छुपाने के प्रयास तेज होंगे। हालांकि, भारतीय खुफिया एजेंसियां लगातार इन गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि किसी भी तरह का खतरा भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर न बने।
विशेषज्ञों के अनुसार, लश्कर और अन्य आतंकी संगठन अब न सिर्फ पीओके और पंजाब से दूर जा रहे हैं, बल्कि अपने प्रशिक्षण केंद्रों को अफगान बॉर्डर के करीब इस तरह स्थापित कर रहे हैं कि भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई से उन्हें अधिक सुरक्षा मिल सके। इस बदलाव से यह भी स्पष्ट है कि भारत की कार्रवाई पाकिस्तान के आतंकी संगठन पर गंभीर असर डाल रही है और उन्हें अपने पुराने नेटवर्क और ठिकानों को छोड़ने के लिए मजबूर कर रही है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा के नए शिविर की खबर यह दर्शाती है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क और सक्रिय है, जबकि पाकिस्तान की कोशिशें आतंकियों की गतिविधियों को छुपाने तक सीमित रह गई हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और सेना इस तरह के खतरे पर लगातार नजर रख रही हैं और जरूरत पड़ने पर कड़ा जवाब देने के लिए तैयार हैं।
नितिन सिंह /vbt न्यूज /27 सितंबर 2025
