पुष्कर मेला 2025 का भव्य शुभारंभ | उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी करेंगी उद्घाटन | सवा लाख दीपों से जगमगाएगा पुष्कर सरोवर
अजमेर / पुष्कर। विश्वप्रसिद्ध पुष्कर मेला 2025 का आज शुभारंभ हो गया है। राजस्थान की परंपराओं, आस्था और संस्कृति के इस अद्भुत संगम का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ध्वजारोहण कर करेंगी। पवित्र पुष्कर सरोवर के घाटों पर सवा लाख दीपों से रोशनी बिखरेगी, जिससे पूरा शहर आध्यात्मिक आलोक में नहाएगा।
🌺 श्रद्धा, संस्कृति और स्वच्छता का संगम
हर साल की तरह इस बार भी पुष्कर में श्रद्धा, संस्कृति और स्वच्छता का सुंदर मेल देखने को मिलेगा। नगर परिषद ने पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया है। रंग-बिरंगी झालरों, रोशनी और पुष्प सजावट से सजे मुख्य मार्ग पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
सरोवर के घाटों पर दीपदान, गंगा आरती और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होंगी, जो भक्तों को भक्ति और शांति का अनुभव कराएंगी।

✨ देश-विदेश से उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पुष्कर के घाटों और गलियों में इस समय देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु उमड़े हुए हैं। तीर्थराज पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर दर्शन और सरोवर स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। श्रद्धालुओं के साथ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी राजस्थान की लोक संस्कृति और मेले की पारंपरिक झलक को देखने पहुंचे हैं।
🎶 सांस्कृतिक झलकियों से गूंजेगा मेला मैदान
आज शाम “वॉइस ऑफ पुष्कर” मंच पर लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले लोकनृत्य, संगीत और पारंपरिक कार्यक्रमों से पूरा मेला मैदान गूंज उठेगा।
कार्यक्रम में:
- राजस्थानी घूमर और कालबेलिया नृत्य
- लोक वादन व म्यूज़िक नाइट
- दीपदान और महाआरती का दिव्य आयोजन
का आयोजन किया जाएगा।
🚓 सुरक्षा और स्वच्छता पर प्रशासन का पूरा फोकस
जिले के प्रशासन ने मेले की तैयारियों को लेकर सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया है।
- शहर में 200 से अधिक पुलिसकर्मी और होमगार्ड तैनात किए गए हैं।
- सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है।
- नगर परिषद की टीमें लगातार सफाई व्यवस्था बनाए हुए हैं।
- सरोवर के घाटों पर नो प्लास्टिक जोन लागू किया गया है।
🌼 पुष्कर मेला — राजस्थान की आत्मा
पुष्कर मेला न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह राजस्थान की लोक आत्मा का उत्सव है। ऊँट, पशु हाट, हस्तशिल्प, लोककला और रंगीन बाजारों की चहल-पहल इस मेले की पहचान है। हर साल लाखों पर्यटक यहां आकर राजस्थान की परंपराओं और लोक संस्कृति का आनंद लेते हैं।
आज शाम जब सवा लाख दीपों की रोशनी में सरोवर जगमगाएगा, तो पुष्कर का हर कोना आस्था और आनंद की अनोखी ज्योति से प्रकाशित होगा।
