
रघुनाथपुरा /नागौर/ गिरधारी लाल प्रजापत की रिपोर्ट
कहते हैं इंसानियत का सबसे बड़ा कार्य है — रक्तदान, और इसे सही मायनों में साकार किया है एक्स-आर्मी जवान रामस्वरूप चौधरी ने, जिन्हें लोग सम्मानपूर्वक “चलता फिरता ब्लड बैंक” कहते हैं। अपने जन्मदिवस के अवसर पर उन्होंने रघुनाथपुरा के बालाजी मंदिर बगीची में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन कर एक मिसाल कायम की।
इस शिविर में कुल 111 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ, जो कई ज़िंदगियों के लिए जीवनदायी बनेगा। सुबह से ही गांव के ग्रामवासी, जनप्रतिनिधि और शुभचिंतक इस पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता निभाने पहुंचे।
🇮🇳 15 वर्षों से सेवा भाव की मिसाल
रामस्वरूप चौधरी भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं और बीते 15 वर्षों से लगातार जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करते आ रहे हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ एक है — दूसरों का दुख कम करना और जीवनदान देना। उनकी इस पहल में उनका पूरा परिवार उनका साथ देता है:
- पत्नी गमला देवी, जो उन्हें सदैव प्रेरित करती हैं।
- बेटा प्रदीप चौधरी, जो इंजीनियरिंग के विद्यार्थी होते हुए भी समाज सेवा के कार्यों में निरंतर भागीदारी निभाता है।
- बेटी मनीषा चौधरी, जो नीट की तैयारी कर रही हैं, अपने पिता के कार्यों से प्रेरणा लेकर रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करती हैं।
🎂 जब जन्मदिन बना प्रेरणा का कारण
जहां एक ओर समाज में जन्मदिन पर लाखों रुपये खर्च कर दिखावा किया जाता है, वहीं रामस्वरूप चौधरी ने अपने जन्मदिन को सेवा का अवसर बनाकर समाज को एक नई सोच दी। उन्होंने संवाददाता से कहा,
“दुनिया में सबसे बड़ा कार्य किसी की जान बचाना है। अगर हम किसी की जिंदगी को संजीवनी दे सकें, तो इससे बड़ा कोई उपहार नहीं।“
👏 समाज के कई लोग बने साक्षी
इस रक्तदान शिविर में कई सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख थे:
मदन राम, हनूमान लाल, उगमाराम, हरका राम, पूरा राम, रमेश, प्रदीप, चैनाराम, नेमाराम, मनिष, अमराराम, राजूराम, बालूराम, सोहन राम, जयराम, रामनिवास,
कुंडरी सरपंच लक्ष्मण राम, पीह सरपंच अमसन्द जाजड़ा, और अन्य गणमान्य नागरिक।
रामस्वरूप चौधरी जैसे व्यक्तित्व आज के समाज के लिए प्रेरणा हैं। उनके द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर ना केवल जरूरतमंदों की मदद करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सिखाएगा कि सच्चा जश्न वो है, जो किसी की जान बचा सके।