रियाँबड़ी (नागौर)।
रियाँबड़ी उपखंड के पादूकलां और डोडीयाना गांवों में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है।
गुरुवार को पादूकलां गांव में एक युवक जब घर की छत पर गया तो बंदरों ने घेरकर हमला कर दिया। युवक बुरी तरह घायल हो गया।
छत पर कपड़े सुखाना भी खतरे से खाली नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि अब छत पर जाना भी मुश्किल हो गया है।
कपड़े सुखाने, पानी भरने या कोई और काम करने जाएं, तो बंदर हमला कर देते हैं।
छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है।
पहले भी हो चुके हैं कई हमले
यह कोई पहली घटना नहीं है।
इससे पहले भी कई लोग बंदरों के हमलों में घायल हो चुके हैं।
बावजूद इसके न ग्राम पंचायत जागी, न वन विभाग हरकत में आया।
पंचायत और वन विभाग जिम्मेदारी से भाग रहे
ग्रामीणों का आरोप है कि बंदरों की शिकायत कई बार पंचायत व वन विभाग से की जा चुकी है।
लेकिन दोनों विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों में रोष, जल्द समाधान की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि अगर जल्द बंदरों को काबू में नहीं किया गया तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
लोगों में डर का माहौल है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अब अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
“क्या प्रशासन किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है?”
ग्रामीणों का सीधा सवाल है – आखिर कब मिलेगा बंदरों के आतंक से छुटकारा?