हरसौर में विजयादशमी पर आरएसएस का पथ संचलन | 100 वर्ष
हरसौर (घनश्याम वैष्णव की रिपोर्ट )।
नागौर जिले के हरसौर ग्राम में गुरुवार को विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा हरसौर कस्बे में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया, जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवकों ने अनुशासित ढंग से भाग लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
शिव बगीची से हुई शुरुआत
पथ संचलन का शुभारंभ शिव बगीची से हुआ। यहां स्वयंसेवकों ने सबसे पहले संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, दूसरे सरसंघचालक गुरु गोलवलकर (गुरुजी), भगवान श्रीराम और भारत माता के चित्रों पर माल्यार्पण किया। इसके बाद संघ प्रार्थना और शस्त्र पूजन के साथ कार्यक्रम का विधिवत आरंभ हुआ।
मार्ग में हुआ पुष्प वर्षा से स्वागत
आरएसएस का यह पथ संचलन सदर बाजार, स्कूल चौराहा, रविदास कॉलोनी, आदर्शनगर बाईपास और बस स्टैंड जैसे प्रमुख मार्गों से होता हुआ पुनः शिव बगीची पहुंचा। पूरे मार्ग में स्थानीय नागरिकों ने स्वयंसेवकों का स्वागत किया और जगह-जगह फूल बरसाकर अभिनंदन किया। इससे माहौल उत्साह और अनुशासन से परिपूर्ण दिखाई दिया।
संघ स्थापना शताब्दी वर्ष में खास आयोजन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभाग प्रचारक गिरधारीलाल ने कहा कि संघ की स्थापना का शताब्दी वर्ष केवल संघ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि यह पथ संचलन केवल परंपरा का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और राष्ट्रप्रेम की भावना को मजबूत करने का माध्यम भी है।
सामाजिक समरसता और नागरिक कर्तव्य का आह्वान
मुख्य वक्ता ने समाज से आह्वान किया कि हमें सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण, स्व का बोध, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक शिष्टाचार का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजते हुए आधुनिकता के साथ आगे बढ़ना होगा।
अनुशासन और देशभक्ति की झलक
पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवकों ने पूर्ण अनुशासन और एकरूपता का परिचय दिया। भगवा ध्वज के साथ आगे बढ़ते स्वयंसेवकों की पंक्तियों ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। ढोल-नगाड़ों की धुन पर कदमताल करते स्वयंसेवकों के चेहरों पर देशभक्ति और संगठन शक्ति की झलक स्पष्ट दिखाई दी।
नागरिकों की सक्रिय भागीदारी
इस अवसर पर कस्बे के नागरिकों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। घरों की छतों से पुष्प वर्षा, सड़कों पर स्वागत द्वार और जगह-जगह जलपान की व्यवस्था ने कार्यक्रम को और भव्य बना दिया। हर उम्र के लोगों में इस अवसर को लेकर उत्साह देखने को मिला।
शताब्दी वर्ष का प्रतीक
खंड कार्यवाह सतपाल ज्याणी ने जानकारी दी कि यह पथ संचलन संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में भी विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और सेवा कार्यों के जरिए शताब्दी वर्ष को विशेष बनाने का संकल्प लिया गया है।
