मेड़ता नगर में आरएसएस का शताब्दी वर्ष: विजयादशमी पर 10 बस्तियों में भव्य पथ संचलन
मेड़ता सिटी (डी डी चारण की रिपोर्ट)।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मेड़ता नगर में इस बार विजयादशमी उत्सव विशेष रूप से मनाया जाएगा। नगर कार्यवाह गोविन्द सिंह ने बताया कि संघ के स्थापना दिवस (विजयादशमी) के अवसर पर 2 अक्टूबर को मेड़ता शहर में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर को ऐतिहासिक और अनुशासित बनाने के लिए नगर को 10 बस्तियों में विभाजित किया गया है। इन सभी बस्तियों में संघ के स्वयंसेवक एक साथ पथ संचलन करेंगे।
उन्होंने बताया कि मेड़ता शहर की भौगोलिक संरचना और जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 10 बस्तियों की रचना की गई है, ताकि प्रत्येक क्षेत्र में पथ संचलन सुव्यवस्थित और आकर्षक तरीके से संपन्न हो सके। इस अवसर पर संघ के स्वयंसेवक पारंपरिक गणवेश और अनुशासित पंक्तियों में घोष की ताल पर कदमताल करते हुए शहर की विभिन्न गलियों और मार्गों से गुजरेंगे।
संघ के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए इस बार विजयादशमी उत्सव पर शस्त्र पूजन और विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। नगर कार्यवाह गोविन्द सिंह ने बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए स्वयंसेवकों ने लगातार अभ्यास शुरू कर दिया है। रविवार को परशुराम वाटिका में नगर स्तर पर एकत्रीकरण हुआ, जहां सभी स्वयंसेवकों ने घोष की ताल के साथ पथ संचलन का पूर्वाभ्यास किया।
उन्होंने बताया कि पथ संचलन के दौरान घोष की धुन वातावरण में विशेष ऊर्जा और अनुशासन का संचार करेगी। इसके लिए 20 घोष पथकों का गठन किया गया है, जो प्रतिदिन अभ्यास कर रहे हैं। प्रत्येक पथक के स्वयंसेवक अनुशासन, समयबद्धता और परंपराओं के पालन के साथ इस ऐतिहासिक आयोजन को भव्य बनाने में जुटे हैं।
नगर के विभिन्न क्षेत्रों में पहले से ही स्वयंसेवकों के बीच उत्साह और जोश का माहौल बना हुआ है। हर बस्ती के स्वयंसेवक अपने-अपने क्षेत्र में अभ्यास कर रहे हैं ताकि 2 अक्टूबर को होने वाले मुख्य आयोजन में सभी दल तालमेल के साथ पथ संचलन कर सकें।
संघ के सूत्रों के अनुसार, 28 सितंबर को रात्रि में मेड़ता नगर के मुख्य मार्गों पर घोष का ‘कौमूदी पथ संचलन’ आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम आगामी विजयादशमी के मुख्य आयोजन का पूर्वाभ्यास और नगरवासियों को संदेश देने के रूप में होगा।
नगर कार्यवाह ने बताया कि शताब्दी वर्ष का यह उत्सव न केवल संगठन की परंपराओं और मूल्यों को दर्शाएगा, बल्कि समाज में सेवा, अनुशासन और संगठन शक्ति के संदेश को भी घर-घर तक पहुंचाएगा। उन्होंने सभी नगरवासियों से आह्वान किया कि वे इस आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर संघ के शताब्दी वर्ष के इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें।
संघ के स्वयंसेवक जहां निरंतर अभ्यास में जुटे हैं, वहीं नगरवासियों में भी इस आयोजन को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। 2 अक्टूबर को मेड़ता नगर की सड़कों पर एक साथ 10 बस्तियों में संघ का अनुशासित पथ संचलन निश्चित रूप से एक अद्वितीय और प्रेरणादायक दृश्य प्रस्तुत करेगा।
