राजसमंद में श्रीराम कथा और कलश यात्रा का शुभारंभ 25 अक्टूबर से, साध्वी सुहृदय गिरि करेंगी व्यासपीठ को सुशोभित
राजसमंद। जिले में भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, जब 25 अक्टूबर से श्रीराम कथा का शुभारंभ होने जा रहा है। शहर के श्रद्धालुओं में इस पावन आयोजन को लेकर उत्साह का माहौल बना हुआ है। कथा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और हर ओर आध्यात्मिक वातावरण का संचार हो रहा है।

श्रीराम कथा का आयोजन 25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रतिदिन दोपहर 1.30 बजे से 100 फीट रोड स्थित रामानुज वाटिका में किया जाएगा। इस दिव्य कथा में साध्वी ऋतंभरा जी की प्रथम सन्यासी शिष्या साध्वी सुहृदय गिरि अपने मुखारविंद से भगवान श्रीराम की पावन लीला का रसपान कराएंगी। कथा का उद्देश्य न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रगाढ़ करना है, बल्कि समाज में धर्म, मर्यादा और संस्कारों के संदेश को भी फैलाना है।
कथा के शुभारंभ से पूर्व कलश यात्रा का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों महिलाएं सिर पर पवित्र कलश धारण कर भक्ति भाव से सहभागी होंगी। यह कलश यात्रा पुरानी कलेक्ट्री स्थित विश्वंभर महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर आवरी माता मंदिर, आईडीबीआई बैंक होते हुए रामानुज वाटिका पहुंचेगी। इस यात्रा में धार्मिक उमंग और आस्था का ऐसा नजारा देखने को मिलेगा जो हर किसी के मन को भक्ति से भर देगा।
कलश यात्रा में द्वारकाधीश मंदिर मंडल का भव्य बैंड दल अपनी सुमधुर भक्ति धुनों से वातावरण को गूंजायमान करेगा। यात्रा में आगे बढ़ते रथ पर धर्म ध्वज और पताकाएं लहराएंगी, जिससे पूरा मार्ग आध्यात्मिक रंग में रंग जाएगा। महिलाओं, पुरुषों और युवाओं का जोश देखते ही बनेगा। श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति की चमक और राम नाम की गूंज से वातावरण पवित्र हो उठेगा।
आयोजकों के अनुसार, कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। विशाल पंडाल, बैठने की व्यवस्था, पेयजल व पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कथा के दौरान रोजाना विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे सभी वर्गों के लोगों को जुड़ाव का अवसर मिलेगा।
साध्वी सुहृदय गिरि द्वारा श्रीराम कथा का वाचन भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। उनकी मधुर वाणी और प्रेरक प्रवचनों से श्रोता भगवान श्रीराम के जीवन आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा पाएंगे। आयोजकों ने बताया कि कथा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
कथा का समापन 31 अक्टूबर को हवन और पूजन के साथ होगा। अंतिम दिवस पर भंडारा और प्रसाद वितरण का आयोजन किया जाएगा।
इस प्रकार, श्रीराम कथा और कलश यात्रा के इस आयोजन से राजसमंद शहर एक बार फिर भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक गौरव से सराबोर हो जाएगा। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक आनंद का अनुभव कराएगा, बल्कि समाज को एकता और धर्म की दिशा में प्रेरित करेगा।
