नागौर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक
नागौर, 19 सितंबर।जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित के निर्देशन में आयोजित हुई, जिसमें जिले में चल रही योजनाओं की प्रगति और कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।
बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला कलक्टर (एडीएम) चम्पालाल जिनगर ने की। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाएँ समाज के कमजोर, वंचित और जरूरतमंद तबके के लिए lifeline की तरह हैं, इसलिए इनका समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
बैठक में विभाग द्वारा संचालित नवजीवन योजना, सिलिकोसिस योजना, माता-पिता एवं वरिष्ठजन भरण-पोषण योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण योजना तथा अनुसूचित जाति उपयोजना की विस्तार से समीक्षा की गई। प्रत्येक योजना के अंतर्गत जिले में चल रहे कार्यों, स्वीकृत लाभार्थियों और लंबित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की गई।
सिलिकोसिस योजना पर विशेष ध्यान देते हुए एडीएम जिनगर ने निर्देश दिए कि सिलिकोसिस पीड़ितों की सही व त्वरित पहचान के लिए जेएलएन अस्पताल में बायोमैट्रिक डिवाइस लगाई जाए। इससे लाभार्थियों का सत्यापन पारदर्शी और सरल होगा तथा योजना का लाभ वास्तविक पात्र व्यक्तियों को मिल सकेगा।
नवजीवन योजना के तहत प्रशिक्षणार्थियों को रोजगारोन्मुखी सहायता उपलब्ध कराने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। इस दौरान एडीएम ने लीड बैंक अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को बैंक से ऋण स्वीकृत करवाने की प्रक्रिया में मदद करें, ताकि योजनाओं के लाभार्थी आत्मनिर्भर बन सकें।
इसी प्रकार अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि थानों में लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किया जाए और आक्षेप पूर्ति की प्रक्रिया को गति दी जाए। इससे पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सकेगा और योजना का उद्देश्य पूर्ण होगा।
बैठक में उप निदेशक जगदीश चांगल ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने जिले में चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन, लाभार्थियों की संख्या, और चुनौतियों पर विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों ने भी योजनाओं की प्रगति पर अपने विचार रखे और क्रियान्वयन के दौरान आने वाली बाधाओं को साझा किया। बैठक के अंत में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे सभी योजनाओं की समयबद्ध प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें और लाभार्थियों को योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलाने के लिए प्रभावी प्रयास करें।
बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, विभिन्न शाखाओं के प्रभारी एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
