November 15, 2025
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सूक्ष्म अभिमान भी पतन का कारण बन जाता है – साध्वी सुहृदय गिरि | श्री राम कथा तृतीय दिवस राजसमंद

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राजसमंद। रामानुज वाटिका में चल रही श्री राम कथा के तृतीय दिवस का आयोजन दिव्य और आध्यात्मिक वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर साध्वी सुहृदय गिरि ने अपने प्रवचन में कहा कि “सूक्ष्म अभिमान भी मनुष्य के पतन का कारण बन जाता है।” उन्होंने बताया कि भक्ति का मार्ग केवल सहजता, सरलता और समर्पण से ही प्राप्त किया जा सकता है।

साध्वी सुहृदय गिरि ने कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि “जिसके हृदय में भगवान राम नहीं, वह वास्तव में अभागा है। श्रीराम कथा में ऐसे अनमोल मोती छिपे हैं जो जीवन के हर क्षण में हमें मार्गदर्शन देते हैं। जब तक मनुष्य अपने भीतर के अहंकार को नहीं त्यागता, तब तक वह सच्ची भक्ति को प्राप्त नहीं कर सकता।”


🌺 भगवान राम के अवतरण दिवस का चित्रण

कथा के दौरान साध्वी सुहृदय गिरि ने भगवान राम के अवतरण दिवस का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान का प्रत्येक अवतार धरती पर धर्म की पुनर्स्थापना और भक्तों के कल्याण के लिए होता है। साध्वी ने कहा कि “भक्त के जीवन में अनेक बाधाएं आती हैं, लेकिन सच्चा भक्त कभी अपनी भक्ति नहीं छोड़ता। जो व्यक्ति ईश्वर में विश्वास रखता है, उसका कोई अनिष्ट नहीं होता।”

इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालु भक्तिभाव में झूम उठे और “जय श्री राम” के जयघोष से पूरा पंडाल गूंज उठा।


🌼 कथा का शुभारंभ और पूजन कार्यक्रम

कथा के प्रारंभ में व्यास पीठ का पूजन श्रीमती शिव नारायण बूब, नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष आशा पालीवाल, श्रीमती गिरीश अग्रवाल, जयेश शर्मा, और शिवलाल खींची द्वारा किया गया।
इस दौरान साध्वी सुहृदय गिरि ने व्यास पीठ से सभी को इकलाई ओढ़ाकर आशीर्वाद प्रदान किया।

व्यास पीठ की सेवा में राधा गौड़, सरोज गौड़, कामिनी मेड़तिया, लिलेश खत्री, लटूर राम बलाई, पवन शर्मा, गुणेंद्र मेड़तिया, राकेश गौड़, हर्षवर्धन भाटी, सुनील लड्ढा, और पिंकी लड्ढा सहित अनेक भक्तों ने सक्रिय सहयोग दिया।


🙏 श्रद्धा और भक्ति का संगम

पूरे आयोजन के दौरान श्रद्धालु भक्ति भाव में सराबोर रहे। कथा स्थल पर सुंदर सजावट, भजन-कीर्तन और आध्यात्मिक संगीत की मधुर धुनों से वातावरण राममय बन गया।

साध्वी सुहृदय गिरि ने अंत में कहा —

“राम कथा केवल मनोरंजन नहीं, मनोभंजन का साधन है।
यह कथा हमें आत्मनिरीक्षण और ईश्वर में विश्वास का मार्ग दिखाती है।”


📿 अगला दिवस

कथा का चतुर्थ दिवस और भी रोचक रहने वाला है, जिसमें साध्वी सुहृदय गिरि भगवान राम के वनगमन प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन करेंगी।

एडिटर/नितिन सिंह/ 27 अक्टूबर 2025

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