November 15, 2025
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राज्य स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में धांधली का आरोप | भार्गवी सिंह से छीनी जीत

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नागौर। खेल जगत में प्रतिभा और मेहनत का सम्मान होना चाहिए, लेकिन अगर परिणाम पर धांधली का साया पड़ जाए तो यह खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ सकता है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है 69वीं राज्य स्तरीय ताइक्वांडो खेलकूद प्रतियोगिता में, जहां नागौर की उभरती खिलाड़ी भार्गवी सिंह को जीत के बावजूद हार घोषित करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।


29 गोल्ड जीत चुकी हैं भार्गवी सिंह

भार्गवी सिंह ताइक्वांडो की दुनिया में नया नाम नहीं हैं। वे इससे पहले स्टेट ऑफिशियल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं और 68वीं राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में 55 किलोग्राम भार वर्ग की स्टेट चैंपियन रह चुकी हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रीय स्तर पर भी खेल चुकी हैं।
अब तक के सफर में उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से 29 गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं।


मैच में हुआ विवाद, स्कोर शीट पर उठे सवाल

खिलाड़ी के पिता दीपक सिंह ने बताया कि मैच के दौरान भार्गवी ने एकतरफा अंक हासिल किए थे। इसके बावजूद रेफरी और तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से परिणाम प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के पक्ष में घोषित कर दिया गया।
जब नागौर टीम प्रभारियों ने प्वाइंट स्कोर शीट मांगी तो रेफरियों ने देने से साफ इनकार कर दिया। आरोप है कि पहले ही शिकायत की भनक पाकर स्कोर शीट में हेरफेर कर दी गई थी।


वीडियो में साफ दिख रही जीत

भार्गवी के पिता ने कहा कि मैच की वीडियो रिकॉर्डिंग में साफ दिख रहा है कि उनकी बेटी विजयी रहीं, लेकिन अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि—
“स्कोर शीट में जो दर्ज है, वही अंतिम सत्य है।”
उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है।


स्कूल प्रशासन भी सामने आया

भार्गवी के स्कूल प्रधानाध्यापक ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की शिकायत बीकानेर सहित उच्च अधिकारियों तक की जाएगी और जरूरत पड़ी तो वीडियो साक्ष्य के आधार पर मामला कोर्ट तक ले जाया जाएगा। उनका कहना है कि खिलाड़ियों के साथ इस तरह का अन्याय उनके मनोबल को गिराता है और खेल के प्रति नकारात्मकता पैदा करता है।


भरतपुर टीम का भी विरोध

इसी प्रतियोगिता में भरतपुर टीम के साथ भी ऐसा ही मामला सामने आया। भरतपुर के एक खिलाड़ी को भी कथित तौर पर धांधली कर हराया गया। इससे नाराज होकर खिलाड़ी और अभिभावक मैदान में बैठकर घंटों तक विरोध प्रदर्शन करने लगे। अंततः पुलिस को मौके पर आना पड़ा और खिलाड़ियों को मैदान से बाहर कर खेल दोबारा शुरू करवाया गया।


खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर

यह घटना कई सवाल खड़े करती है। अगर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में धांधली के मामले इस तरह सामने आते रहेंगे तो प्रतिभाशाली खिलाड़ी हतोत्साहित होंगे और उनका करियर दांव पर लग सकता है।
खिलाड़ी मेहनत और संघर्ष से अपने लिए अवसर बनाते हैं, लेकिन जब उनके साथ न्याय नहीं होता तो यह खेल भावना के साथ अन्याय है।


आयोजन स्थल

गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन जयपुर के निकट राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय शाहपुरा में किया जा रहा है।


👉 यह मामला खेल जगत के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि खिलाड़ियों के साथ अन्याय रोकने के लिए पारदर्शिता और निष्पक्षता को सर्वोपरि रखा जाए।

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