झीटीयां के ठाकुर श्री विक्रम सिंह राठौड़ का देवलोक गमन | ग्रामीणों में शोक की लहर |
संवाददाता | डी. डी. चारण / मेड़ता सिटी
मेड़ता सिटी। निकटवर्ती ग्राम झीटीयां के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व ठाकुर श्री विक्रम सिंह राठौड़ के देवलोक गमन की खबर से सम्पूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। 20 अक्टूबर को उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), जोधपुर में अंतिम सांस ली। वे पिछले करीब 20 दिनों से डेंगू और संक्रमण से जूझ रहे थे और पूर्व में E.H.C.C. जयपुर में भी उपचाररत रहे।

ठाकुर विक्रम सिंह राठौड़ न केवल झीटीयां ग्राम के सम्मानित मुखिया थे, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत और संरक्षक समान थे। उनके परिवार की सामाजिक एवं राजनीतिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत समृद्ध रही है। उनके पिता ग्राम सरपंच के रूप में लंबे समय तक सेवा करते रहे, जबकि स्वयं ठाकुर विक्रम सिंह भूस्वामी आंदोलन के अग्रणी रहे। वे जोधपुर महाराजा के राजनीतिक सलाहकार तथा महारानी जयपुर गायत्री देवी जी के सलाहकार भी रह चुके थे। उनका पारिवारिक रिश्ता क्षत्रिय समाज के महान नेता एवं क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक अध्यक्ष कुंवर आयुवान सिंह हुडील से रहा — वे उनके भानजे थे।
ठाकुर विक्रम सिंह के परिवार में दो पुत्र हैं — एक न्यायिक सेवा में कार्यरत हैं, जबकि दूसरे राज्य कृषि सेवा में अधिकारी के रूप में सेवारत हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, ठाकुर विक्रम सिंह राठौड़ का स्वभाव अत्यंत सरल, विनम्र और सेवाभाव से परिपूर्ण था। वे हमेशा गरीब, असहाय और किसानों के सच्चे हितैषी रहे। गांव के हर व्यक्ति से उनका आत्मीय रिश्ता था। कोई भी व्यक्ति जब उनके द्वार आता, तो वह खाली हाथ वापस नहीं लौटता था।
कुछ समय पूर्व ही ग्रामवासियों ने वर्षों पुरानी परम्परा को जीवित रखते हुए ठाकुर विक्रम सिंह को गांव में विशेष स्नेहपूर्वक आमंत्रित किया था। इस अवसर पर ग्रामीणों ने जिस आत्मीयता और अपनापन का परिचय दिया, उसने मारवाड़ की परंपरागत “अपनायत” की यादें ताज़ा कर दी थीं।
उनके निधन के पश्चात् गांव में गहरा सन्नाटा छा गया है। लोग लगातार उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि ठाकुर विक्रम सिंह का जाना एक युग का अंत है।
उनकी सादगी, संवेदनशीलता और लोकहित के प्रति समर्पण हमेशा याद किया जाएगा।
झीटीयां ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मेड़ता क्षेत्र ने एक सच्चे जनसेवक, मार्गदर्शक और माटी के सपूत को खो दिया है।
एडिटर/नितिन सिंह/25 अक्टूबर 2025
