November 15, 2025
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मेड़ता सिटी: उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम — कार्यशाला रिपोर्ट

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संवाददाता / डी.डी. चारण / मेड़ता सिटी।
मेड़ता सिटी में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बालाजी मंदिर के पास स्थित सभागार में आयोजित हुई। आयोजन का उद्देश्य ब्लॉक स्तर पर साक्षरता मिशन की गति को और अधिक सशक्त बनाना तथा साक्षरता से संबंधित नवीन पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करना रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ सीबीईओ निर्मला मिश्रा, एसीबीईओ अर्जुनराम बागरानी एवं श्रीराम खोजा ने माँ शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर ब्लॉक साक्षरता मिशन समिति (CBM) द्वारा आयोजित कार्यशाला में ब्लॉक के सभी PEEOs, साक्षरता प्रभारी, सर्वेयर एवं वीटी (Volunteer Teachers) उपस्थित रहे।

साक्षरता के लक्ष्य की दिशा में प्रेरक सत्र

कार्यशाला में कुचामन से आए आरपी चंपालाल कुमावत ने साक्षरता अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिक्षा समाज की सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहा कि नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है — वर्ष 2030 तक देश के प्रत्येक नागरिक को साक्षर बनाना।
उन्होंने इस दिशा में अपनाए जाने वाले प्रभावी तरीकों, सर्वेक्षण पद्धति, जनजागरूकता अभियान और सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।

साक्षरता के उद्देश्य और प्रशिक्षण की रूपरेखा

ब्लॉक साक्षरता कोऑर्डिनेटर रमेश पारीक ने बताया कि “उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम” केंद्र सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से वयस्क निरक्षरों को डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और बुनियादी शिक्षण कौशल प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य केवल पढ़ना-लिखना सिखाना नहीं, बल्कि नागरिकों में आत्मनिर्भरता और सामाजिक चेतना का विकास करना भी है।

कार्यशाला के दक्ष प्रशिक्षक आरपी हरिओम शर्मा, लक्ष्मणराम जाखड़, सूर्यकांत पारीक और जितेंद्र शर्मा ने उपस्थित प्रतिभागियों को साक्षरता कार्यक्रम की संपूर्ण जानकारी क्रमबद्ध तरीके से दी। उन्होंने साक्षरता के पांच प्रमुख घटकों — फंक्शनल लिटरेसी, बेसिक एजुकेशन, व्यावसायिक शिक्षा, डिजिटल साक्षरता और जीवन कौशल — पर प्रायोगिक सत्र भी आयोजित किए।

सक्रिय सहभागिता और भविष्य की योजना

प्रशिक्षण सत्र के दौरान सभी PEEOs, सर्वेयर और वीटी ने उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई। प्रतिभागियों ने बताया कि इस तरह की कार्यशालाएँ जमीनी स्तर पर साक्षरता मिशन को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं।
कार्यशाला में यह निर्णय लिया गया कि आने वाले महीनों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर साक्षरता शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक वयस्क नागरिक इस मिशन से जुड़ सकें।

कार्यक्रम के अंत में सीबीईओ निर्मला मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “साक्षर भारत ही सशक्त भारत का आधार है, और हमें मिलकर 2030 तक साक्षरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहना है।”

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