नागौर में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित – नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर जनजागरूकता
नागौर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मेड़ता के तत्वावधान में शुक्रवार को नागौर के राजकीय चिकित्सालय परिसर में एक विधिक जन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (RALSA) द्वारा प्रेषित एक्शन प्लान के अनुरूप आयोजित हुआ।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मेड़ता की सचिव स्वाति शर्मा के निर्देशों की अनुपालना में पी.एल.वी. (पैरा लीगल वॉलंटियर) सदस्य द्रोपदी चौधरी, शाइस्ता बानो, रविन्द्र ईनाणियां एवं अधिकारियों मित्र ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों को नशीली दवाओं एवं मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत कराना था। इसमें यह बताया गया कि नशीली दवाओं और मादक पदार्थों का सेवन न केवल व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि परिवार, कार्यस्थल एवं समाज पर भी इसके गंभीर और दीर्घकालिक दुष्प्रभाव पड़ते हैं।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग को खत्म करने की ली शपथ
शिविर के दौरान पी.एल.वी. सदस्य रविन्द्र ईनाणियां ने उपस्थित जनसमूह को शपथ दिलाई कि वे नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समाप्त करने में अपना सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्यों की लत से मुक्त समाज ही स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को विधिक सेवाओं के विशेष अधिकारों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को मुफ्त कानूनी सहायता, परामर्श और आवश्यक विधिक सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार है। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और उसके सदस्य हर समय सहयोग के लिए उपलब्ध हैं।
विशेषज्ञों ने दी उपयोगी जानकारी
शिविर में राजकीय चिकित्सालय के प्रभारी अधिकारी मुलाराम कड़ेल, धीरेन्द्र मिश्रा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीराम के.एन एवं चिकित्सा स्टाफ भी उपस्थित रहे। विशेषज्ञों ने नशीली दवाओं से होने वाले शारीरिक और मानसिक नुकसान, पारिवारिक विघटन, सामाजिक अपराधों में वृद्धि तथा कार्यक्षमता में कमी जैसे दुष्प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के युवाओं, बच्चों और परिवार के सदस्यों को इस बुरी लत से दूर रखने के लिए जागरूक करें और समाज में नशा मुक्त वातावरण तैयार करने में योगदान दें।
न्यायिक सेवाओं तक पहुंच आसान बनाने का प्रयास
शिविर के दौरान यह भी बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और इसके अधीनस्थ पैरा लीगल वॉलंटियर्स न केवल नशा मुक्ति जागरूकता में काम कर रहे हैं, बल्कि जरूरतमंद और वंचित वर्ग के लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस प्रकार, यह विधिक जागरूकता शिविर न केवल नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रति चेतना फैलाने का एक प्रभावी मंच बना, बल्कि लोगों को उनके कानूनी अधिकारों और सुविधाओं से भी परिचित कराया।
शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और नशा मुक्त समाज बनाने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखने का संकल्प लिया।
