
नागौर जिले के थांवला कस्बे के किसान चौराहे स्थित मंगलम आईटीआई कॉलेज में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन बड़े उत्साह, उमंग और अनुशासन के साथ किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और योग के महत्व को समझते हुए उसे अपने जीवन में शामिल करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 7 बजे सूर्य नमस्कार से हुई, जिसमें कॉलेज के सभी छात्र-छात्राओं और स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। इसके बाद योग प्रशिक्षक श्यामलाल द्वारा विभिन्न योग आसनों का अभ्यास करवाया गया। उन्होंने छात्रों को ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसे सरल लेकिन प्रभावशाली आसनों का अभ्यास करवाया और उनके स्वास्थ्य संबंधी लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रशिक्षक श्यामलाल ने बताया कि “योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह आत्मा और शरीर का गहरा मेल है। यह मानसिक शांति, एकाग्रता, और आत्मनियंत्रण के लिए अत्यंत प्रभावी है।” उन्होंने यह भी कहा कि नियमित योग से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मन भी स्थिर और प्रसन्न रहता है, जिससे समग्र जीवनशैली में सुधार आता है।
कॉलेज के प्राचार्य भगवती प्रसाद ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में योग के भारतीय सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“योग हमारी प्राचीन भारतीय धरोहर है। यह सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन शैली है। योग से अनुशासन, एकाग्रता, मानसिक संतुलन और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। सभी को चाहिए कि वे हर दिन सुबह कुछ समय योग के लिए निकालें और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं।”
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे योग अभ्यास से उन्हें मानसिक शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है। कई छात्रों ने नियमित योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर संस्था के समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए बाहर से आए अतिथियों में प्रमुख रूप से ब्रजराज सिंह लखावत, दीपक सिंह, योग प्रशिक्षक श्यामलाल मावर (एलआईसी) और जसाराम राम गुर्जर उपस्थित रहे। अतिथियों ने योग की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को इसका महत्व समझाया।
स्थान: थांवला, नागौर | रिपोर्टर – [नितिन सिंह ]