पुष्कर मेला 2025: मूंछों से चलाए तीर, 15 सेकेंड में बांधा साफा
विश्वप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2025 इन दिनों अपने पूरे शबाब पर है। राजस्थान की लोक संस्कृति, रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान, लोक संगीत, ऊंटों की परेड और विदेशी पर्यटकों का उत्साह — इन सबने पुष्कर की वादियों को उत्सव के रंग में रंग दिया है। हर साल की तरह इस बार भी पुष्कर का मेला देश-विदेश से आए हजारों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस मेले की शोभा को कई गुना बढ़ा दिया है। खासकर साफा बांधो प्रतियोगिता, तिलक लगाओ कॉम्पिटीशन, क्रिकेट मैच और मूंछ प्रतियोगिता ने इस बार मेले को नई ऊंचाई दी है।
विदेशी कपल ने बांधा 15 सेकेंड में साफा
मेला ग्राउंड में हुई ‘साफा बांधो और तिलक प्रतियोगिता’ में विदेशी पर्यटकों का जोश देखने लायक था। अर्जेंटीना के कपल पाब्लो और कोस्टा ने महज 15 सेकेंड में परफेक्ट राजस्थानी साफा बांधकर पहला स्थान हासिल किया। उनके जोश और सटीकता ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया।
रूस के निकों और युगा ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि कनाडा के जो और फ्रांस के कपल तीसरे स्थान पर रहे। इस रोमांचक इवेंट में 10 से अधिक देशों — रूस, अमेरिका, जर्मनी, अर्जेंटीना, कनाडा, इटली, स्पेन और फ्रांस — से आए पर्यटकों ने भाग लिया। साफा प्रतियोगिता के बाद पारंपरिक तिलक लगाओ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें विदेशी सैलानियों ने पूरे उत्साह से भारतीय संस्कृति का आनंद लिया।
‘लगान थीम’ पर हुआ रोमांचक क्रिकेट मैच
इस वर्ष मेला मैदान में आयोजित क्रिकेट मैच को ‘लगान थीम’ पर तैयार किया गया था। इसमें देसी और विदेशी टीमों के बीच मुकाबला हुआ। विदेशी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 ओवर में 104 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 ओवर और 3 गेंदों में ही लक्ष्य हासिल कर मैच जीत लिया। दर्शकों की तालियों और जयघोष से पूरा मैदान गूंज उठा।
मूंछों से चलाए तीर, सबको किया हैरान
मेला का सबसे चर्चित आकर्षण रहा मूंछ प्रतियोगिता, जिसमें राजस्थान के मारवाड़ और मेवाड़ क्षेत्र से आए 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया। एक रेलवे कर्मचारी ने अपनी 80 इंच लंबी मूंछों का प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया। उसने मंच पर अपनी मूंछों से तीर चलाकर दर्शकों को दंग कर दिया। प्रतिभागी पारंपरिक राजस्थानी परिधान और लाखों की ज्वेलरी पहनकर प्रतियोगिता में उतरे, जिससे मंच राजसी ठाट से चमक उठा।
3 करोड़ रुपये से अधिक के बिके पशु
मेले का आर्थिक पहलू भी बेहद मजबूत नजर आया। इस वर्ष मेले में अब तक 3 करोड़ रुपये से अधिक के पशुओं की बिक्री हो चुकी है। देशभर से आए व्यापारी ऊंट, घोड़े, गाय और अन्य पशुओं की खरीद-फरोख्त में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
पुष्कर मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह राजस्थान की लोक संस्कृति, पर्यटन और व्यापार का भी अद्भुत संगम है। विदेशी सैलानियों के उत्साह और देसी परंपरा के संगम ने पुष्कर को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमका दिया है।
— नितिन / वीबीटी न्यूज, पुष्कर (अजमेर)
